थोक महंगाई तीन साल के निचले स्तर पर पहुंची, मई में शून्य से 3.48 फीसदी नीचे रही
थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने मई में शून्य से नीचे रही है। खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण मई में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर शून्य से नीचे -3.48 फीसदी पर पहुंच गई है। थोक महंगाई का यह तीन साल का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले मई 2020 में यह -3.37 फीसदी रही थी।
थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने मई में शून्य से नीचे रही है। खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण मई में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर शून्य से नीचे -3.48 फीसदी पर पहुंच गई है। थोक महंगाई का यह तीन साल का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले मई 2020 में यह -3.37 फीसदी रही थी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि अप्रैल 2023 में थोक महंगाई की दर शून्य से नीचे -0.92 फीसदी रही थी। जबकि मई 2022 में 16.33 फीसदी के ऊंचे स्तर पर थी। मई में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई घटकर 1.51 फीसदी रही जो अप्रैल में 3.54 फीसदी थी।
मई में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेल, मूल धातु, खाद्य उत्पाद, कपड़ा, गैर-खाद्य पदार्थ, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और रासायनिक उत्पादों की कीमतों में की वजह से आई है।
ईंधन और बिजली मुद्रास्फीति मई में घटकर -9.17 फीसदी हो गई जो अप्रैल में 0.93 फीसदी थी। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति की दर -2.97 फीसदी रही। अप्रैल में यह -2.42 थी। थोक महंगाई में गिरावट मई में खुदरा महंगाई में कमी के अनुरूप है जो 25 महीने के निचले स्तर 4.25 फीसदी पर आ गई है। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर 4.7 फीसदी और मई 2022 में 7.04 फीसदी थी।