पोल्ट्री सेमिनार में इंडस्ट्री की बढ़ती फीड लागत एवं बाजार में अस्थिरता पर चर्चा

CLFMA के चेयरमैन दिव्य कुमार गुलाटी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पोल्ट्री उद्योग में व्याप्त चुनौतियों, विशेषकर बढ़ती फीड लागत एवं बाजार अस्थिरता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने उद्योग की मजबूती के लिए सामूहिक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

पोल्ट्री सेमिनार में इंडस्ट्री की बढ़ती फीड लागत एवं बाजार में अस्थिरता पर चर्चा

कम्पाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CLFMA) ऑफ इंडिया ने यूएस ग्रेन्स काउंसिल के सहयोग तथा बिहार पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन (BPFA) के समर्थन से पटना में "भारत में पोल्ट्री: वर्तमान चुनौतियां एवं आगे की राह" विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें फीड निर्माता, पोल्ट्री किसान, पोषण विशेषज्ञ, अनाज सप्लायर तथा शैक्षणिक शोधकर्ता शामिल थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ यूएस ग्रेन्स काउंसिल की मार्केटिंग स्पेशलिस्ट नयनतारा आनंदनी पांडे के स्वागत भाषण से हुआ। इसके बाद CLFMA के चेयरमैन दिव्य कुमार गुलाटी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पोल्ट्री उद्योग में व्याप्त चुनौतियों, विशेषकर बढ़ती फीड लागत एवं बाजार अस्थिरता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने उद्योग की मजबूती के लिए सामूहिक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। गुलाटी ने क्रिसिल रेटिंग्स की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मुख्य फीड सामग्री मक्का एवं सोयाबीन की कीमतों में वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2025-26 में उद्योग की लाभप्रदता में गिरावट आने की आशंका है, हालांकि मजबूत मांग और खपत के चलते राजस्व में 8-10 प्रतिशत तक की वृद्धि का भी अनुमान है। फीड की लागत में 90% हिस्सा मक्का और सोयाबीन का होता है।

बिहार सरकार के पशुपालन विभाग की अपर मुख्य सचिव एन. विजय लक्ष्मी ने भी सेमिनार को संबोधित किया और राज्य सरकार की तरफ से पोल्ट्री उद्योग में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।

सेमिनार के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने नए समाधान एवं फीड विकल्पों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। यूएस ग्रेन्स काउंसिल के क्षेत्रीय सलाहकार अमित सचदेव ने भारत में फीडस्टॉक की स्थिति और इसके वैश्विक प्रभाव का विश्लेषण प्रस्तुत किया। काउंसिल के निदेशक रीसे एच. कैनैडी ने अमेरिकी ज्वार को परंपरागत अनाज विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हुए इसके संभावित लाभों पर प्रकाश डाला। वहीं, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार सिंह ने पोल्ट्री एवं पशुपालन आहार में डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन्स विद सॉल्यूबल्स (DDGS) के उपयोग संबंधी नया अनुसंधान साझा किया। इससे लागत में कमी आ सकती है।

सेमिनार के दौरान "भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र में नया सामान्य" विषय पर पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसका संचालन अनमोल फीड्स के प्रबंध निदेशक अमित सरावगी ने किया। पैनल में बी.एम. साहनी (प्रबंध निदेशक, पटलिपुत्र फीड्स), पवन कुमार (अध्यक्ष, BPFA), अमित सचदेव और CLFMA के चेयरमैन गुलाटी शामिल रहे। चर्चा में टिकाऊ फीड विकल्पों, नीतिगत स्पष्टता तथा आपूर्ति श्रृंखला को दीर्घकालिक रूप से सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया।

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