निवेश और मार्केट विस्तार के साथ मदर डेयरी का लक्ष्य नेशनल प्लेयर बनना: मनीष बंदलिश

मदर डेयरी का मार्च, 2025 में समाप्त वित्त वर्ष में टर्नओवर 17300 करोड़ रुपये रहा है और कंपनी करीब 1200 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं पर काम कर रही है।

निवेश और मार्केट विस्तार के साथ मदर डेयरी का लक्ष्य नेशनल प्लेयर बनना: मनीष बंदलिश
Mr. Manish Bandlish, Managing Director, Mother Dairy

देश में डेयरी सेक्टर की अग्रणी कंपनी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिबल प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली-एनसीआर से जुड़ी अपनी छवि को तोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। मार्च, 2025 में समाप्त वित्त वर्ष में मदर डेयरी का टर्नओवर 17300 करोड़ रुपये रहा है और कंपनी करीब 1200 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसमें जहां दिल्ली, एनसीआर के बाहर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के साथ पूर्वी और दक्षिण भारत के मार्केट में विस्तार शामिल है, वहीं उत्तर भारत में भी कारोबार बढ़ाने की योजनाएं हैं। पिछले साल मदर डेयरी के दूध कारोबार में करीब सात फीसदी, आइसक्रीम बिजनेस में 12 फीसदी और बेवरेज बिजनेस में 30 फीसदी की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्ट मनीश बंदलिश ने रूरल वॉयस के साथ एक बातचीत में यह जानकारी दी।

मनीश बंदलिश ने बताया कि दूध के मोर्चे पर कीमतों का दबाव महसूस किया जा रहा है। पिछले करीब एक माह में किसानों से दूध खरीद की लागत में चार से पांच रुपये की बढ़ोतरी हुई है। साढ़े छह फीसदी फैट वाले भैंस के दूध के लिए किसानों को करीब 54 रुपये लीटर का दाम मिल रहा है जबकि डेयरी तक पहुंचने तक कीमत लगभग 57 रुपये प्रति लीटर पड़ रही है। गर्मी बढ़ने और शादियों का सीजन होने के चलते दूध की कीमतों पर असर पड़ा है। इसके साथ ही फैट और स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) के दाम भी बढ़े हैं। फैट की कीमत करीब 400 रुपये प्रति किलोग्राम और एसएमपी की कीमत 280 से 290 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। दूध की उपलब्धता के बारे में उन्होंने बताया कि हमारी दूध की खरीद भी बेहतर हो रही है और हमारे पास फैट व एसएमपी का भी पर्याप्त स्टॉक है। ऐसे में हमें बढ़ती मांग को पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन डेयरी सेक्टर को कीमतों के दबाव का सामना करना पड़ेगा।

दूध खरीद के बारे में पूछे गये सवाल का जबाव देते हुए मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कहते हैं कि हम प्रतिदिन करीब 60 लाख लीटर दूध की खरीदते हैं। मदर डेयरी नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की कंपनी है और हमारी दूध की खरीद का सारा जिम्मा अब एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज उठा रही है। एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज का फोकस दूध उत्पादक कंपनियां (एमपीसी) खड़ी करने पर है और हम करीब 98 फीसदी दूध इन दूध उत्पादक कंपनियों से एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के जरिये खरीद रहे हैं। दूध उत्पादक कंपनियां किसानों द्वारा संचालित कंपनियां हैं जिससे उन्हें बेहतर कीमत का सीधे फायदा मिल रहा है। मदर डेयरी से अभी ऐसी 22 एमपीसी जुड़ी हैं जिनमें करीब दस लाख दूध उत्पादक किसान शामिल हैं।

डेयरी उत्पादों की बिक्री के ट्रेंड के बारे में मनीश बंदलिश बताते हैं कि वैल्यू एडेड उत्पादों में बेवरेज की बिक्री काफी तेजी से बढ़ रही है। हमें लस्सी की क्षमता को पिछले साल से दोगुना करना पड़ा है। मदर डेयरी के कुल टर्नओवर में 28 से 30 फीसदी बिक्री वैल्यू एडेड उत्पादों से आ रही है जबकि 70 फीसदी हिस्सेदारी दूध की है।

निवेश योजनाओं के बारे में मनीष बताते हैं कि मदर डेयरी के नागपुर संयंत्र पर 550 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वहीं गुजरात के इटोला में स्थापित हो रहे प्रोसेसिंग प्लांट और आंध्र प्रदेश के कुप्पम में स्थापित हो रहे प्रोसेसिंग प्लांट समेत हमारा कैपिटल इनवेस्टमेंट करीब 1200 करोड़ रुपये है। गुजरात और आध्र प्रदेश के संयंत्र फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रसंस्करण संयंत्र हैं। इटोला के  संयंत्र में पोटैटो फ्रेंच फ्राइज और आलू के दूसरे उत्पाद तैयार होंगे। वहीं आंध्र प्रदेश के संयंत्र में फ्रूट और वेजिटेबल पल्प तैयार होगा।  इसके साथ ही मदर डेयरी ने निर्यात पर भी फोकस बढ़ा दिया है। जहां कई देशों को फ्रूट बेजिटेबल पल्प का निर्यात किया जा रहा है। वहीं खाडी देशों में अब मदर डेयरी के दूसरे उत्पादों का निर्यात भी बढ़ रहा है। करीब 35 से 40 देशों में मदर डेयरी 150 करोड़ रुपये का निर्यात कर रही है।    

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