किसानों के पंजाब बंद का व्यापक असर, डल्लेवाल का अनशन 35वें दिन भी जारी
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पंजाब बंद को सफल बताते हुए कहा कि रेल सेवाएं और सभी प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद को ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारियों, व्यापारियों और धार्मिक संस्थाओं का समर्थन मिला।
सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसानों के पंजाब बंद का व्यापक असर दिखा। इस दौरान रेल, बस सेवाएं और सड़क यातायात बाधित होने से जनजीवन प्रभावित हुआ। उधर, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 35वें दिन भी जारी रहा। इस बीच, पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिशों में जुटी है। आज खनौरी बॉर्डर पर पंजाब पुलिस के अधिकारियों की टीम पहुंची है।
पंजाब बंद के समर्थन में सोमवार सुबह से ही किसान विभिन्न स्थानों पर रास्ते और रेल रोककर धरने पर बैठ गये। सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहे बंद के दौरान किसानों ने पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा, मोहाली और पठानकोट सहित कई स्थानों पर सड़कों और रेलमार्गों पर धरना दिया। अमृतसर के गोल्डन गेट पर, बड़ी संख्या में किसानों ने शहर के एंट्री प्वाइंट के पास धरना दिया। बंद के दौरान 160 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। कई जगह यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पंजाब बंद को सफल बताते हुए कहा कि रेल सेवाएं और सभी प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद को ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारियों, व्यापारियों और धार्मिक संस्थाओं का समर्थन मिला। पंधेर ने कहा कि हमारा आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ है। क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की मांगों को मानने और किसानों से बात करने के लिए तैयार नहीं है।
केंद्र का साथ देना बंद करें मान: पंधेर
पंधेर ने आरोप लगाया कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार केंद्र का साथ दे रही है। इसलिए वे मुख्यमंत्री भगवंत मान को बताना चाहते हैं कि केंद्र का साथ देना बंद कर दें। खनौरी बॉर्डर पर जो पुलिस फोर्स तैनात की है उसे हटा दें। पंधेर ने कहा कि अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को वहां से उठाने और उनका अनशन खत्म करने की साजिश हो रही है। इसलिए पंजाब में जितने भी धरने पर किसान बैठे हैं वह खनौरी बॉर्डर आने के लिए तैयार रहें।
पंजाब के अफसरों की टीम खनौरी बॉर्डर पहुंची
रविवार को पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक टीम ने 70 वर्षीय डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वे अनशन जारी रखने के साथ-साथ चिकित्सा उपचार स्वीकार करें। लेकिन डल्लेवाल ने इनकार कर दिया। सोमवार को भी पंजाब पुलिस की एक टीम खनौरी बॉर्डर पहुंची। डल्लेवाल ने कल रात आरोप लगाया कि पंजाब सरकार मोर्चे पर हमले की तैयारी में है।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आमरण अनशन कर रहे किसान नेता को उपचार प्रदान के लिए 31 दिसंबर तक अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा था। इस मामले पर 2 जनवरी को फिर सुनवाई होगी।
13 फरवरी से जारी है आंदोलन
एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 13 फरवरी से जारी है। इस दौरान किसानों ने कई बार पैदल दिल्ली कूच का प्रयास किया लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। आंदोलनकारी किसानों की मांगों में एमएसपी के अलावा, किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय जैसे 13 मुद्दे शामिल हैं।