वैश्विक अनाज व्यापार 7 प्रतिशत घटने का अनुमान, उत्पादन और मांग के पैटर्न में बदलाव का असर

वैश्विक अनाज व्यापार विपणन वर्ष 2024/25 में 7 प्रतिशत घटने का अनुमान है। यह हाल के वर्षों में सबसे तेज गिरावटों में से एक है। यह गिरावट प्रमुख खाद्य फसलों - गेहूं, चावल, मक्का और मोटे अनाज के क्षेत्र में रहेगी। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट के पीछे कारण हर अनाज के लिए अलग-अलग हैं।

वैश्विक अनाज व्यापार 7 प्रतिशत घटने का अनुमान, उत्पादन और मांग के पैटर्न में बदलाव का असर

वैश्विक अनाज व्यापार विपणन वर्ष 2024/25 में 7 प्रतिशत घटने का अनुमान है। यह हाल के वर्षों में सबसे तेज गिरावटों में से एक है। यह गिरावट प्रमुख खाद्य फसलों - गेहूं, चावल, मक्का और मोटे अनाज के क्षेत्र में रहेगी। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट के पीछे कारण हर अनाज के लिए अलग-अलग हैं।

दशकों में पहली बार गेहूं व्यापार में सबसे बड़ी गिरावट की संभावना
वैश्विक गेहूं व्यापार में 9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है, जिसका कारण आयातक देशों में बढ़ती आत्मनिर्भरता और प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं के पास निर्यात योग्य भंडार की कमी है। विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान ने घरेलू गेहूं उत्पादन में वृद्धि की है, जिससे उनकी आयात आवश्यकता कम हो गई है। वहीं तुर्की, जिसके पास गेहूं का बड़ा भंडार है, उसने नए आयात प्रतिबंध लागू कर दिए हैं।

आपूर्ति की दृष्टि से देखा जाए तो प्रमुख निर्यातक देशों जैसे रूस, यूरोपीय संघ और यूक्रेन में फसल का उत्पादन घटा है, जिससे वैश्विक आपूर्ति में कमी आई है। व्यापार में गिरावट के बावजूद, गेहूं की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई हैं। निर्यात मूल्यों में मिश्रित रुझान देखा गया। जहां रूस और अर्जेंटीना में वृद्धि हुई है, वहीं ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में मामूली गिरावट दर्ज की गई है।

अमेरिका और यूक्रेन में उत्पादन में गिरावट से मक्का व्यापार घटेगा
वैश्विक मक्का व्यापार में 5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है, जिसका मुख्य कारण दुनिया के दो सबसे बड़े निर्यातकों अमेरिका और यूक्रेन में उत्पादन में आई भारी कमी है। हालांकि ब्राज़ील में उत्पादन बढ़ा है, लेकिन इथेनॉल के लिए घरेलू मांग में तेजी के चलते वहां से निर्यात की उपलब्धता सीमित हो गई है।

आयात के मोर्चे पर देखें तो चीन की मक्का और ज्वार की मांग में कमी आई है। पिछले वर्ष की तुलना में इन दोनों अनाजों के आयात क्रमशः 65% और 46% कम हो गए हैं। यह चीन के फीड-ग्रेन आयात में अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है, जिससे वैश्विक व्यापार प्रवाह में बदलाव देखने को मिल रहा है। फिर भी USDA की ताजा रिपोर्ट में अमेरिका के मक्का निर्यात अनुमानों को संशोधित कर बढ़ाया गया है। यह अर्जेंटीना, तुर्की और पाकिस्तान से होने वाले कम निर्यात की भरपाई करेगा।

रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद चावल व्यापार में हल्की गिरावट
गेहूं और मक्का के विपरीत, वैश्विक चावल उत्पादन में इस वर्ष नया रिकॉर्ड बनने का अनुमान है। इसमें भारत, इंडोनेशिया और कंबोडिया की उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रमुख कारण है। भारत द्वारा पूर्व में लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों को हटाने से वैश्विक आपूर्ति बढ़ी है। इससे बांग्लादेश और उप-सहारा अफ्रीका जैसे बाजारों को विशेष लाभ हुआ है।

हालांकि उत्पादन उच्च स्तर पर है, फिर भी वैश्विक चावल व्यापार में मामूली गिरावट आने की संभावना है। इसका मुख्य कारण इंडोनेशिया की घटती आयात आवश्यकता है क्योंकि वहां घरेलू उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है। इसके बावजूद, वैश्विक चावल की खपत और अंतिम स्टॉक बढ़ने का अनुमान है। खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया में जहां भंडारण गतिविधियां तेज़ हो रही हैं।

तिलहन में बायोडीज़ल की मांग ने व्यापार की दिशा बदली
तिलहन क्षेत्र में इस समय फोकस ब्राज़ील पर है, जहां बढ़ती बायोडीज़ल अनिवार्यताओं के चलते सोयाबीन तेल का घरेलू ईंधन बाजार में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते सोयाबीन तेल का निर्यात 13 लाख मीट्रिक टन पर स्थिर रहने की संभावना है, भले ही इसका उत्पादन रिकॉर्ड 120 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।

यह रुझान पिछले एक दशक से बन रहा है, जिसमें ब्राज़ील में औद्योगिक स्तर पर सोयाबीन तेल की खपत दोगुनी से भी अधिक हो चुकी है। महंगाई की चिंताओं के कारण फरवरी 2025 में बायोडीज़ल मिश्रण दर बढ़ाने की योजना स्थगित कर दी गई थी, फिर भी मांग मजबूत बनी हुई है।

दूसरी ओर इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम ऑयल का निर्यात बायोडीज़ल कार्यक्रमों के विस्तार के चलते सीमित रहने की संभावना है। वहीं, रेपसीड और सूरजमुखी तेल का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन यह अभी तक पाम और सोयाबीन तेल की भरपाई नहीं कर पाया है। इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक वनस्पति तेल की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, भले ही अर्जेंटीना में बड़े पैमाने पर फसल उत्पादन भविष्य में कीमतों को नियंत्रित कर सकता है।

तिलहन व्यापार में चीन की भूमिका 
चीन अब रेपसीड व्यापार में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। उसका रेपसीड आयात का अनुमान बढ़ाकर 40 लाख टन कर दिया गया है। यह मुख्य रूप से कनाडा, रूस, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और यूक्रेन से आयात किया जा रहा है। हालांकि, मार्च 2025 में शुरू हुए व्यापार विवाद के तहत कनाडाई रेपसीड उत्पादों पर 100% शुल्क लगाए जाने के बाद रेपसीड मील आयात में कमी आई है।

इसी दौरान ब्राज़ील और चीन में सोयाबीन प्रोसेसिंग (क्रशिंग) गतिविधि भी बढ़ रही है, जिससे सोयाबीन मील जैसे प्रोटीन फीड्स की उपलब्धता बढ़ी है, जिनकी वैश्विक खरीदारों के बीच मजबूत मांग बनी हुई है। इससे कनाडा के रेपसीड मील निर्यात में आई गिरावट की कुछ हद तक भरपाई हो रही है।

वनस्पति तेल बाजार में सीमित आपूर्ति, कीमतें स्थिर 
USDA की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में पाम ऑयल उत्पादन में कमी के चलते वैश्विक स्तर पर वनस्पति तेल उत्पादन घटने का अनुमान है। इसके परिणामस्वरूप वनस्पति तेल का व्यापार और भंडार दोनों में गिरावट आने की संभावना है। पाम और सोयाबीन तेल की सीमित आपूर्ति वर्ष के अंत तक वैश्विक बाजार में कीमतों को ऊंचा बनाए रख सकती है, भले ही अर्जेंटीना में सोयाबीन की बढ़ी हुई प्रोसेसिंग से थोड़ी राहत मिले।

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