झारखंड में किसानों के कर्ज माफी की सीमा बढ़ी, अब 2 लाख रुपये तक का कर्ज होगा माफ

झारखंड सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है, जिससे 1.91 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया

झारखंड में किसानों के कर्ज माफी की सीमा बढ़ी, अब 2 लाख रुपये तक का कर्ज होगा माफ

झारखंड सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 'कृषि ऋण माफी योजना' का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पहले यह सीमा 50,000 रुपये थी, जिसे अब 2 लाख रुपये तक कर दिया गया है।

कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि इस नई सीमा का लाभ लगभग 1.91 लाख किसानों को मिलेगा। इसके लिए अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 निर्धारित की गई है। राज्य सरकार ने पहले 2021-22 में 50,000 रुपये तक के फसल ऋण माफ करने की घोषणा की थी और अब तक 4.73 लाख से अधिक किसानों के ऋण माफ किए जा चुके हैं, जिसमें बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है।

ग्राम प्रधानों का मासिक मानदेय होगा दोगुना

कैबिनेट ने कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिनमें झारखंड कार्यपालिका नियमावली 2000 में संशोधन कर केंद्रीय एजेंसियों से संबंधित मामलों को कैबिनेट सचिवालय एवं सतर्कता विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी शामिल था। आदिवासी गांवों के ग्राम प्रधानों के मासिक मानदेय को दोगुना करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। अब मानकी-मुंडा का मानदेय 3,000 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह और ग्राम प्रधानों का 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। डाकुआ का मानदेय 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति माह किया गया है।

राज्य संचालित एयर एंबुलेंस सेवा के किराए में भी 50 फीसदी तक की कटौती की गई है। रांची से दिल्ली का मौजूदा एकतरफा किराया 5 लाख रुपये से घटाकर 3.10 लाख रुपये कर दिया गया है। वंदना दादेल ने कहा, "लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किराये में कटौती की गई।"

कृषि के लिए बनेगा सकारात्मक माहौल 

बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में 'कृषि ऋण की सीमा' बढ़ाने के निर्णय को राज्य के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में कृषि के लिए सकारात्मक माहौल बनेगा और किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। पारंपरिक ग्राम प्रधानों के सम्मान राशि बढ़ाने के निर्णय को भी उन्होंने महत्वपूर्ण बताया, जिससे राज्य पर 85.59 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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