शिमला में एसजेवीएन विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित किसानों ने सरकार से की रोजगार की मांग
शिमला में एसजेवीएन लिमिटेड की लूहरी और सुन्नी विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित किसानों ने राज्य सरकार से जमीन गंवाने वालों को रोजगार देने की मांग की है
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एसजेवीएन लिमिटेड की लूहरी और सुन्नी विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित कई पंचायतों के किसानों ने राज्य सरकार से अपनी जमीन गंवाने वालों को रोजगार देने की मांग की है। सीपीआईएम नेता और ठियोग से पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और अपनी विभिन्न मांगों से अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल ने किसानों को मुआवजा और जलविद्युत परियोजनाओं में अपनी जमीन खोने वालों के लिए रोजगार की मांग उठाई। मुख्यमंत्री ने उनकी चिंताओं के समाधान का आश्वासन दिया और कहा कि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने पिछली भाजपा सरकार के दौरान राज्य के लोगों के हितों की अनदेखी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार राज्य के वाजिब अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
210 मेगावाट लूहरी जलविद्युत परियोजना चरण-I, 66 मेगावाट धौलासिद्ध विद्युत परियोजना और 382 मेगावाट सुन्नी विद्युत परियोजना पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को रोजगार और स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (लाडा) के फंड नहीं मिले हैं और पशुपालन पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि एसजेवीएनएल सरकार द्वारा मांगे गए रॉयल्टी प्रतिशत पर सहमत नहीं होता है, तो राज्य इन परियोजनाओं का अधिग्रहण कर लेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस मुद्दे को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।