केंद्र ने राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद के मानकों में छूट दी
रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए राजस्थान के किसानों को निर्धारित मानकों में ढील प्रदान की गई है। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया।

राजस्थान में अत्यधिक गर्मी और बारिश के चलते गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए निर्धारित मानकों में कुछ छूट दी है। इससे किसानों और व्यापारियों को राहत मिलेगी।
भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के निर्णय के अनुसार, रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए राजस्थान के किसानों को निर्धारित गुणवत्ता मानकों में ढील प्रदान की गई है। राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया। अत्यधिक गर्मी और बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है जिससे गेहूं के दाने सिकुड़ने और गुणवत्ता खराब होने की आशंका है।
- सरकारी खरीद में गेहूं के सिकुड़े या टूटे दाने पहले 6 प्रतिशत तक मान्य थे, इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है।
- क्षतिग्रत व आंशिक क्षतिग्रत दानों का अंश संयुक्त रूप से 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
- चमकविहीन (लस्टर लॉस) दाने 10 प्रतिशत तक मान्य होंगे।
इस छूट पर किसी प्रकार की कटौती सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। मानकों में रियायत के तहत खरीदे जाने वाले गेहूं को सामान्य गेहूं से अलग रखने के निर्देश दिए गये हैं। इस प्रकार खरीदे गए गेहूं को राज्य से बाहर नहीं भेजा जाएगा और प्राथमिकता के आधार पर सामान्य गुणवत्ता के गेहूं से पहले निकाला जाएगा।
इस साल केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इस पर राजस्थान सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का ऐलान किया है। इस तरह राजस्थान के किसान गेहूं की फसल 2575 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बेच सकेंगे।