जीएम बीजों पर कृषि मंत्री के बयान से वैज्ञानिक असहज, इंडस्ट्री भी चिंतित

एक सम्मेलन के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जीएम सीड्स के बारे में कई तरह की आशंकाए हैं। इसलिए अभी हमने जीएम सीड्स की तरफ नहीं जाने का फैसला लिया है जब तक कि सारी आशंकाओं का समाधान न हो जाए।

जीएम बीजों पर कृषि मंत्री के बयान से वैज्ञानिक असहज, इंडस्ट्री भी चिंतित

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले दिनों जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) बीजों को लेकर दिये गये बयान ने देश के कृषि वैज्ञानिक समुदाय और सीड्स इंडस्ट्री को असहज कर दिया है। 

एक सम्मेलन के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जीएम सीड्स के बारे में कई तरह की आशंकाए हैं। कई वैज्ञानिकों से भी चर्चा हुई है। इसलिए अभी हमने जीएम सीड्स की तरफ नहीं जाने का फैसला लिया है जब तक कि सारी आशंकाओं का समाधान न हो जाए। कोई भी चीज जो लॉन्ग टर्म में किसान के हित में न हो, हम केवल कंपनियों पर बीज के लिए आधारित हो जाएं और कंपनियां मनमाने दाम बढ़ाएं और उसके बाकी दुष्परिणाम भी हों, ये देखते हुए हम एकदम जीएम सीड्स की तरफ नहीं जा सकते। सोच विचार करके ही फैसले होते हैं।

कृषि मंत्री के इस बयान से टेक्नोलॉजी का समर्थन करने वाले कृषि वैज्ञानिकों को झटका लगा है। उनका कहना है कि इस तरह के एकतरफा बयान से वैज्ञानिकों का मनोबल कमजोर होगा। रूरल वॉयस के साथ बातचीत में कई कृषि वैज्ञानिकों ने कहा जीएम सीड्स के बारे में कृषि मंत्री के ऐसे बयान से नये शोध और तकनीक को किसानों के फायदे के लिए बढ़ावा देने की कोशिशें प्रभावित होंगी। इस बारे में अपना पक्ष रखने के लिए जल्द ही कृषि वैज्ञानिक का समूह कृषि मंत्री से मुलाकात कर सकता है।

दूसरी तरफ, बीज उत्पादन करने वाली कंपनियां भी जीएम फसलों को लेकर कृषि मंत्री के रुख को लेकर परेशान हैं। बीज कंपनियों के संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि हम इस बारे में कृषि मंत्री को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे।

एक वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने रूरल वॉयस के साथ बातचीत में कहा कि देश में जीएम टेक्नोलॉजी को लेकर पिछले 20 वर्षों में जो काम हुआ है वह कृषि मंत्री के रुख से प्रभावित होगा। सरकार को साफ करना चाहिए कि वह नई टेक्नोलॉजी पर शोध के पक्ष में है या नहीं। सरकार का रुख साफ होने पर इस तरह की तकनीक और शोध पर हो रहे निवेश को लेकर भी स्थिति साफ होगी।

जीएम फसलों पर शोध के मामले में कई भारतीय कंपनियां काफी आगे बढ़ गई हैं। ऐसे में जीएम फसलों को लेकर सरकार के प्रतिकूल नजरिए का असर इस घरेलू क्षमता को विकसित करने की कोशिशों पर भी पड़ेगा। फिलहाल जीएम फसलों को मंजूरी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में कृषि मंत्री का बयान सरकार के आधिकारिक रुख के रूप मे देखा जा सकता है। इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कृषि में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की अपनी नीति को सामने रखना चाहिए।

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