रूरल वर्ल्ड मैगजीन हुई लॉन्च, रूरल वॉयस मीडिया अब प्रिंट पब्लिकेशन में भी उतरा
नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एजेंडा फॉर रूरल इंडिया की नेशनल कनविनिंग में रूरल वर्ल्ड का पहला अंक नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने जारी किया। रूरल वर्ल्ड के संपादक हरवीर सिंह ने बताया कि रूरल वॉयस मीडिया प्रा. लिमिटेड की मौजूदगी अब डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी हो गई है।
रूरल वॉयस की सहयोगी प्रकाशन पत्रिका रूरल वर्ल्ड की लॉन्चिंग नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में हुई। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव एवं एनडीडीबी के पूर्व चेयरमैन टी. नंदकुमार, नाबार्ड के पूर्व चैयरमैन और एमसीएक्स के चेयरमैन डॉ. हर्ष कुमार भानवाला, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप कुमार नायक, नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश नायकनवरे और सहकार भारती के अध्यक्ष डॉ. डीएन ठाकुर की मौजूदगी में मैगजीन को लॉन्च किया गया।
नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एजेंडा फॉर रूरल इंडिया की नेशनल कनविनिंग में रूरल वर्ल्ड का पहला अंक नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने जारी किया। रूरल वर्ल्ड के संपादक हरवीर सिंह ने बताया कि रूरल वॉयस मीडिया प्रा. लिमिटेड की मौजूदगी अब डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी हो गई है। इस पत्रिका में कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े रिपोर्ट, आलेख, ओपनियन आदि पाठकों के लिए पेश किए जाएंगे। यह पत्रिका अभी त्रैमासिक होगी यानी हर तीन महीने पर इसका प्रकाशन किया जाएगा।
रूरल वर्ल्ड के पहले अंक में एजेंडा फॉर रूरल इंडिया से संबंधित देशभर के 60 जिलों के 300 से अधिक किसानों और ग्रामीण नागरिकों द्वारा कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों और ग्रामीण जीवन को लेकर बताई गई समस्याओं और उनके संभावित समाधानों पर कवर स्टोरी छापी गई है। रूरल वॉयस और गैर सरकारी संगठन सॉक्रेटस ने पिछले 6 महीने में देश के अलग-अलग 5 जगहों पर एजेंडा फॉर रूरल इंडिया कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसके अलावा, नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद का विस्तृत इंटरव्यू है। साथ ही, टी. नंदकुमार के विचार हैं। इसके अलावा, डेयर के पूर्व सचिव एवं आईसीएआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल तथा तास के मौजूदा चेयरमैन पद्मभूषण डॉ. आरएस परोदा ने 21वीं सदी के युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ने की पहल करने की वकालत करते हुए अपने विचार रखे हैं।
यह पत्रिका द्विभाषी है यानी इसमें अंग्रेजी और हिंदी दोनों में रिपोर्ट और आलेख पढ़ने को मिलेंगे। पत्रिका का अगला अंक फरवरी 2024 में आएगा।