अमेरिका में भारत के श्रिंप पर 18.26% शुल्क, टैरिफ कम होने के बावजूद बाजार में अनिश्चितता
अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से अचानक की गई टैरिफ में कटौती से भारतीय झींगा (श्रिंप) निर्यातकों पर दबाव कम हुआ है। इस कटौती के बाद अमेरिका में भारत से श्रिंप आयात पर शुल्क 26% से घटकर 18.26% हो गया है। ट्रंप ने रेसिप्रोकल पर अचानक 90 दिनों की रोक लगाने की घोषणा करते हुए सभी देशों से आयात पर 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लगा दिया। इस निर्णय से इक्वाडोर की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त कम हो गई है।

अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से अचानक की गई टैरिफ में कटौती से भारतीय झींगा (श्रिंप) निर्यातकों पर दबाव कम हुआ है। इस कटौती के बाद अमेरिका में भारत से श्रिंप आयात पर शुल्क 26% से घटकर 18.26% हो गया है। ट्रंप ने रेसिप्रोकल पर अचानक 90 दिनों की रोक लगाने की घोषणा करते हुए सभी देशों से आयात पर 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लगा दिया। इस निर्णय से इक्वाडोर की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त कम हो गई है। हालांकि वैश्विक झींगा बाजार में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। S&P ग्लोबल ने अपनी ताजा कमोडिटी इनसाइट्स रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
बाजार स्रोतों और विश्लेषकों से बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में लागू किए गए रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की रोक ने झींगा बाजारों में बदलाव के साथ अनिश्चितता पैदा कर दी है। ट्रंप ने यह टैरिफ 2 अप्रैल को लागू किया था, लेकिन महज एक हफ्ते बाद 9 अप्रैल को उसे रोक दिया। हालांकि, सभी देशों पर 10% का सामान्य टैरिफ लागू रहेगा, जबकि चीन पर 145% का भारी शुल्क बना रहेगा।
अमेरिका को झींगे का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता भारत इस फैसले से राहत में रहा, क्योंकि कई विश्लेषकों का मानना था कि पहले के 26% टैरिफ के साथ भारत इस क्षेत्र में आर्थिक रूप से टिक नहीं पाएगा। यूएस सेंसस ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में अमेरिका के कुल झींगा आयात में 40% आपूर्ति भारत ने की थी। भारतीय निर्यातक अब नए सिरे से अपनी रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं।
भारत का झींगा निर्यात डिलीवरी ड्यूटी-पेड (Delivery Duty-Paid) आधार पर किया जाता है, जिसमें निर्यातक को सभी करों और शुल्कों का भार उठाना पड़ता है। ऐसे में वे शिपमेंट्स जो पहले से अनुबंधित हैं लेकिन अभी तक डिलीवर नहीं हुए हैं, उन पर अतिरिक्त लागत का बोझ निर्यातकों पर पड़ेगा।
90 दिनों की इस रोक से भारतीय निर्यातकों को बिना अतिरिक्त शुल्क के इन ऑर्डरों की आपूर्ति करने का अवसर मिला है। एक आयातक ने कहा, "ट्रंप का यह कदम मौजूदा अनुबंधों को राहत देता है। लेकिन पैकर्स के पास कंटेनर भेजने के लिए केवल 45 दिन का समय है, क्योंकि भारत से अमेरिका का ट्रांजिट समय करीब 45 दिनों का है।
S&P ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के समुद्री खाद्य और एक्वाकल्चर विश्लेषक मैक्स बौराटोग्लू के अनुसार मौजूदा काउंटरवेलिंग और एंटी-डंपिंग शुल्कों को ध्यान में रखते हुए, भारत को अब श्रिंप पर 18.26% आयात शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। यह दर अब भी चुनौतियां पेश करता है।
भारत अमेरिका को मूल्य संवर्धित झींगा (value-added shrimp) आपूर्ति करने वाला एक प्रमुख देश है। वर्ष 2024 में अमेरिका के मूल्य संवर्धित (peeled and deveined) झींगा आयात का 60% हिस्सा भारत से आया। भारत का प्रसंस्कृत झींगा पर केंद्रित रहना अन्य देशों के लिए अमेरिका के बाजार में उसकी जगह लेना मुश्किल बना देता है।
इक्वाडोर अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा झींगा आपूर्तिकर्ता है। उसकी मूल्य संवर्धित झींगा उत्पादन क्षमता सीमित है। टैरिफ में हुए बदलाव ने भारत के मुकाबले इक्वाडोर की बढ़त को कम कर दिया है। टैरिफ बढ़ने के साथ इक्वाडोर में विक्रेताओं ने अमेरिकी खरीदारों के लिए कीमतों में तुरंत 10% की वृद्धि कर दी। अधिकांश आयातकों ने यह वृद्धि स्वीकार भी कर ली, क्योंकि उन्हें डर था कि कीमतें और बढ़ सकती हैं।