वैश्विक कृषि उत्पादनः USDA का भारत में रिकॉर्ड गेहूं और चावल उत्पादन का अनुमान
भारत में 2024/25 में रिकॉर्ड 14.7 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान जताया गया है। इसका प्रमुख कारण रिकॉर्ड 5.1 करोड़ हेक्टेयर में इसकी खेती है। किसान कम जोखिम और बेहतर लाभ के चलते कपास छोड़कर चावल की ओर झुके हैं।

अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने अप्रैल की विश्व कृषि उत्पादन रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत में गेहूं और चावल के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट में सोयाबीन, चावल, मक्का, कपास, सूरजमुखी बीज और पाम तेल जैसी प्रमुख कृषि कमोडिटी के उत्पादन अनुमानों में हुए बदलावों को दर्शाया गया है। इसके मुताबिक दुनिया में मौसम की चरम स्थितियों - सूखा, भारी वर्षा और बाढ़ - ने फसल उत्पादन को काफी प्रभावित किया है।
चावल: भारत में रिकॉर्ड, कंबोडिया में शुष्क मौसम वाली फसल का विस्तार
भारत में 2024/25 में रिकॉर्ड 14.7 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान जताया गया है। इसका प्रमुख कारण रिकॉर्ड 5.1 करोड़ हेक्टेयर में इसकी खेती है। किसान कम जोखिम और बेहतर लाभ के चलते कपास छोड़कर चावल की ओर झुके हैं। कंबोडिया में भी चावल उत्पादन बढ़ा है। वहां अब अनुमान 78 लाख टन का है। यह वृद्धि मुख्यतः शुष्क मौसम में रकबे में 8% की बढ़ोतरी और बेहतर जल प्रबंधन के कारण हुई है।
गेहूं: भारत और चीन ने बढ़ाया वैश्विक उत्पादन
2024/25 में वैश्विक गेहूं उत्पादन 79.68 करोड़ टन रहने की संभावना है। रकबा बढ़ने से भारत में रिकॉर्ड 11.33 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। चीन में बेहतर यील्ड के चलते 14.01 करोड़ टन उपज की उम्मीद है। वहीं रूस में उत्पादन घटकर 8.16 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह पिछले साल के 9.15 करोड़ टन से 11% कम है। वहां जाड़े और स्प्रिंग दोनों सीजन में गेहूं के रकबे और यील्ड में गिरावट का अंदेशा है।
मक्का: यूरोप और दक्षिण अमेरिका में मिली-जुली स्थिति
यूरोपीय यूनियन में मक्का उत्पादन 5.93 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। यह पिछले माह के अनुमान से अधिक है, लेकिन पिछले साल की तुलना में 4 प्रतिशत कम है। पोलैंड, क्रोएशिया और फ्रांस में उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी हुई, लेकिन रोमानिया में गिरावट देखी गई। ब्राजील का 2023/24 में मक्का उत्पादन 15.45 करोड़ तक संशोधित किया गया है, जबकि 2024/25 के लिए भी सकारात्मक रुझान हैं। इसके विपरीत अर्जेंटीना में अत्यधिक वर्षा ने नुकसान पहुंचाया, और उत्पादन अब 5 करोड़ आंका गया है।
सोयाबीन: ब्राज़ील में रिकॉर्ड, बोलिविया में बारिश ने बिगाड़ी हालत
ब्राज़ील एक बार फिर सोयाबीन उत्पादन में शीर्ष पर है। मार्केटिंग वर्ष 2024/25 के लिए USDA ने उत्पादन अनुमान 16.90 करोड़ मीट्रिक टन पर बरकरार रखा है। हालांकि दक्षिणी राज्यों में सूखा पड़ा, पर उत्तर और मध्य-पश्चिम क्षेत्रों में अच्छी वर्षा से रिकॉर्ड उत्पादन सुनिश्चित हुआ है। वहां राष्ट्रीय स्तर पर औसत यील्ड 3.57 टन/हेक्टेयर दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है।
दक्षिण अफ्रीका में भी शानदार बढ़ोतरी हुई, जहां उत्पादन 24 लाख टन आंका गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 30% अधिक है। यहां 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है, जो रिकॉर्ड है। वहीं बोलिविया में हालात ठीक नहीं रहे। मार्च के अंत में आई बाढ़ के कारण 37 लाख उत्पादन का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले महीने से 10% और पिछले वर्ष से 3% कम है।
सूरजमुखी बीज: अर्जेंटीना में देरी के बावजूद बेहतर उपज
अर्जेंटीना में सूरजमुखी बीज का उत्पादन अनुमान 42 लाख टन है, जो पिछले वर्ष से 8% अधिक है। हालांकि मार्च की बारिश के कारण फसल कटाई में देरी हुई, फिर भी उत्तरी प्रांतों में उपज औसत से बेहतर रही। राष्ट्रीय औसत 2.15 टन प्रति हेक्टेयर का है।
पाम ऑयल: मलेशिया और इंडोनेशिया में बारिश बनी बाधा
दक्षिण-पूर्व एशिया में पाम ऑयल उत्पादन पर भारी बारिश का असर पड़ा है। मलेशिया में अनुमान घटकर 1.87 करोड़ टन हो गया है, जो पिछले वर्ष से 5% कम है। सबाह और सरावाक इलाके में बाढ़ ने यील्ड को प्रभावित किया। इंडोनेशिया में भी उत्पादन थोड़ा कम होकर 4.60 करोड़ टन आंका गया है, हालांकि यह पिछले वर्ष से 7% अधिक है। सबसे अधिक उत्पादन वाले रियाउ प्रांत में अत्यधिक वर्षा हुई जिससे हारवेस्टिंग और लॉजिस्टिक्स में बाधा आई।
मोटे अनाज: यूरोप में मामूली सुधार, लेकिन उत्पादन औसत से नीचे
वैश्विक स्तर पर मोटे अनाज का कुल उत्पादन 149.53 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। यूरोपीय यूनियन में मक्का का प्रदर्शन बेहतर रहा, जबकि जौ और ओट्स में गिरावट आई। अफ्रीका में दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया में वर्षा के चलते मक्का और बाजरा की उपज में सुधार हुआ है।
कपास: अर्जेंटीना में सूखे से नुकसान
अर्जेंटीना में कपास उत्पादन घटकर 15 लाख टन गाठें (प्रति गांठ 480 पाउंड) रहने का अनुमानि है। इसके अनुमान में पिछले महीने से 10% कमी आई है। शुल्क मौसम और अत्यधिक गर्मी से यील्ड घटकर 544 किलोग्राम/हेक्टेयर रह गई। हालांकि इसका रकबा समान रहा।
USDA की यह रिपोर्ट दर्शाती है कि वैश्विक कृषि अब भी मौसम की मार पर निर्भर है। जहां कुछ क्षेत्रों में बारिश ने जान फूंकी, वहीं अन्य इलाकों में सूखे या बाढ़ ने फसलों को प्रभावित किया। अगले महीने फसल कटाई के अंतिम आंकड़ों के बाद और सुधार या गिरावट की उम्मीद की जा सकती है। विशेष रूप से चावल और पाम ऑयल जैसी फसलों के लिए वैश्विक खाद्य बाजारों की नजर इस पर टिकी रहेगी।