इस्मा ने चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर 264 लाख टन किया
निजी चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने चालू पेराई सीजन (2024-25) में चीनी का उत्पादन घटाकर 264 लाख टन कर दिया है। इसके पहले 31 जनवरी, 2025 को इस्मा ने 272.69 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान जारी किया था। इस्मा के मुताबिक 10 मार्च तक देश में 233.09 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है और अभी देश भर में 228 चीनी मिलें पेराई कर रही हैं

निजी चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने चालू पेराई सीजन (2024-25) में चीनी का उत्पादन घटाकर 264 लाख टन कर दिया है। इसके पहले 31 जनवरी, 2025 को इस्मा ने 272.69 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान जारी किया था। इस्मा के मुताबिक 10 मार्च तक देश में 233.09 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है और अभी देश भर में 228 चीनी मिलें पेराई कर रही हैं। चालू साल में एथेनॉल के लिए 35 लाख टन चीनी का डायवर्जन करने की बात इस्मा ने अपनी प्रेस रिलीज में कही है। चालू सीजन में देश भर में 532 चीनी मिंलों में पेराई शुरू हुई थी जिनमें से 304 चीनी मिलें बंद हो चुकी है।
इस्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में गन्ने की नई फसल में चीनी की रिकवरी में सुधार है हालांकि पूर्वी और मध्य प्रदेश में अधिकांश चीनी मिलों में मार्च के अंत में ही पेराई समाप्त हो जाएगी।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने का उत्पादन घटने से उसकी उपलब्धता कम रही है हालांकि कर्नाटक कुछ चीनी मिलें जून-जुलाई, 2025 में स्पेशल सीजन में पेराई कर सकती हैं। मौजूदा परिस्थितियों में 35 लाख टन चीनी के एथेनॉल के लिए डायवर्जन होने के बाद चीनी का उत्पादन 264 लाख टन रह सकता है। इस्मा के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 10 मार्च तक 78.80 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है और उसके 92.5 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। महाराष्ट्र में अभी तक 78.10 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है और वहां 81 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है। वहीं कर्नाटक में 38.94 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है और उसके 41.5 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। बाकी राज्यों में अभी तक 37.25 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है और इसके 49 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। इस तरह से चालू पेराई सीजन में कुल चीनी उत्पादन 264 लाख टन रहने का अनुमान है।
चालू सीजन के शुरू में 1 अक्तूबर, 2024 को चीनी का 80 लाख टन का स्टॉक बकाया था। चालू सीजन में 264 लाख टन चीनी उत्पादन होने से इस साल चीनी की कुल उपलब्धता 344 लाख टन रहेगी। 280 लाख टन की घरेलू खपत और 10 लाख टन चीनी निर्यात के बाद सीजन के अंत में 54 लाख टन का बकाया स्टॉक होगा।
इस्मा ने चीनी उत्पादन का अनुमान दो बार घटा दिया है। वहीं चीनी ट्रेड की संस्था ने उत्पादन के 258.5 लाख टन पर रहने और बकाया स्टॉक के 38 लाख टन पर आ जाने का अनुमान जारी किया है। मौजूदा स्थिति में अगर उत्पादन 260 लाख टन के आसपास रहता है तो चीनी की उपलब्धता का संकट पैदा हो सकता है क्योंकि जहां बकाया स्टॉक में 275 लाख टन चीनी की उपयोग के लायक उद्योग सूत्र बता रहे हैं वहीं इस साल दशहरा और दीवाली दोनों त्यौहार अक्तूबर में हैं और नए सीजन की चीनी नवंबर के पहले बाजार में उपलब्ध होना संभव नहीं है। इसलिए चीनी कीमतों में तेजी को जो रूख आया है वह बरकार रहता है तो कीमतों पर नियंत्रण की चुनौती का सामना सरकार को करना पड़ेगा।