चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की वार्ता फिर बेनतीजा, अब 4 मई को अगली बैठक
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है। अगली बैठक 4 मई को होगी।

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए आंदोलनकारी किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बुधवार को चंडीगढ़ में हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। हालांकि, बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा।
बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी बैठक में मौजूद रहे।
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है। अगली बैठक 4 मई को होगी। करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि बैठक सकारात्मक माहौल में हुई। सभी फसलों पर एमएसपी की मांग के बारे में किसान यूनियनों द्वारा उपलब्ध कराए आंकड़ों को केंद्र सरकार देखेगी। उन्होंने कहा कि खनौरी और शंभू सीमाओं से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की कोई योजना नहीं है।
आंदोलनकारी किसानों की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के 28 सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में हिस्सा लिया था। इनमें कई महीनों से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल थे।
22 फरवरी को हुई पिछली बैठक में किसान नेताओं की तरफ से अपनी मांगों के समर्थन में कई तर्क दिए थे, जिन पर केंद्र के जवाब का इंतजार है। एमएसपी की कानूनी गारंटी कैसे संभव है और कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा, इसे लेकर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। किसान नेताओं का दावा है कि इस पर 25-30 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च नहीं आएगा। इस दावे के समर्थन में केंद्र सरकार ने किसानों से आंकड़े मांगें थे।
किसान मोर्चों पर पुलिस बढ़ाई
केंद्र सरकार के साथ वार्ता से पहले खन्नौरी और शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मोर्चों के आसपास पुलिस तैनाती कई गुना बढ़ाने को लेकर भी किसान नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती अस्वीकार्य है। इससे सही संदेश नहीं जाता।
साल भर से चल रहा आंदोलन
एमएसपी की कानूनी गांरटी सहित कई मांगों को लेकर आंदोलनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर मोर्चा जमाए हुए हैं। इस दौरान किसानों ने कई बार दिल्ली कूच का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी और कई बार किसानों व पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बनी।
किसानों की मांगें
आंदोलनकारी किसानों की मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा किसान की कर्ज माफी, किसानों व खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, किसानों के खिलाफ पुलिस मामले वापस लेने, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने जैसी कई मांगें शामिल हैं।