तनाव के बीच चीन ने अमेरिका से सोयाबीन और मक्का आयात पर लगाई रोक: रिपोर्ट

चीन ने जनवरी के मध्य से अमेरिका से सोयाबीन और मक्का की खरीद को निलंबित कर दिया है। निक्केई एशिया ने अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट दी है। चीन का यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार में तनाव को और बढ़ा सकता है। इस बढ़ती अनिश्चितता के बीच जापान अमेरिका से सोयाबीन की खरीद बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

तनाव के बीच चीन ने अमेरिका से सोयाबीन और मक्का आयात पर लगाई रोक: रिपोर्ट

चीन ने जनवरी के मध्य से अमेरिका से सोयाबीन और मक्का की खरीद को निलंबित कर दिया है। निक्केई एशिया ने अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट दी है। चीन का यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार में तनाव को और बढ़ा सकता है। इस बढ़ती अनिश्चितता के बीच जापान अमेरिका से सोयाबीन की खरीद बढ़ाने पर विचार कर रहा है। यह दोनों देशों के बीच नए टैरिफ समझौते का हिस्सा होगा। जापान के मुख्य ट्रेड वार्ताकार 30 अप्रैल से 2 मई के बीच वाशिंगटन की यात्रा पर जाएंगे ताकि इस सिलसिले में बात आगे बढ़ाई जा सके।

दरअसल, चीन पिछले साल तक अमेरिकी कृषि उत्पादों का एक प्रमुख खरीदार था। अब वह अन्य आपूर्तिकर्ता देशों की ओर रुख कर रहा है। वर्ष 2024 में चीन ने अमेरिका से 2.7 करोड़ टन से अधिक सोयाबीन आयात किया था। इसकी कुल कीमत 12.8 अरब डॉलर थी। अमेरिका के कुल सोयाबीन निर्यात का लगभग आधा चीन ने ही खरीदा था। लेकिन बढ़ते व्यापार विवादों के बीच यह संबंध अब कमजोर होता नजर आ रहा है।

निक्केई की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इस महीने की शुरुआत में ब्राजील से 24 लाख टन सोयाबीन खरीदने के अनुबंध किए हैं। यह चीन की मासिक सोयाबीन खपत का लगभग एक-तिहाई है। ब्राजीलियन सोयाबीन प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के अधिकारियों ने इस खरीद को असामान्य रूप से बड़ा बताया है। यह चीन की अमेरिकी से कृषि आयात से दूर होने की रणनीति का संकेत देता है। इस घटनाक्रम पर अमेरिकी सोयाबीन निर्यातकों ने चिंता व्यक्त की है।

अमेरिका से चीन का आयात
चीन मुख्य रूप से अमेरिका से कृषि उत्पादों का आयात करता है, जिनमें सोयाबीन, तिलहन और अनाज शामिल हैं। सोयाबीन का आयात मुख्य रूप से पशु चारे के लिए किया जाता है। इसका आयात ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी प्रभावित हुआ था जब दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ा था।

तब चीन ने अपने आयात स्रोतों में विविधता लाने की रणनीति अपनाई थी और अन्य देशों से कृषि उत्पाद खरीदने लगा था। अब, सभी अमेरिकी आयात पर 125% का नया टैरिफ लगने के बाद, विश्लेषकों का अनुमान है कि चीन का अमेरिका से कृषि जिंसों, विशेषकर सोयाबीन का आयात शून्य हो सकता है। वर्तमान में अमेरिकी सोयाबीन निर्यात पर चीन कुल 135% का टैरिफ लगा चुका है। इसमें मार्च में लागू 10% शुल्क और अप्रैल में घोषित 125% शुल्क शामिल हैं।

पहले अमेरिकी-चीन व्यापार युद्ध के दौरान, दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन निर्यातक ब्राजील एक बड़े विजेता के रूप में उभरा था। चीन ने ब्राजील से बड़े पैमाने पर सोयाबीन खरीदना शुरू कर दिया था। 2010 के बाद से ब्राजील से चीन को सोयाबीन निर्यात में 280% से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि अमेरिकी निर्यात लगभग स्थिर रहा है। इसी संबंध को मजबूत करने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले नवंबर में ब्राजील का राजकीय दौरा किया था। 2024 में चीन ने ब्राजील के कुल सोयाबीन निर्यात का 73% से अधिक हिस्सा खरीदा।

सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील में सोयाबीन उत्पादन इस वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है। इससे चीन ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों से आयात बढ़ा सकता है। ब्राजील और अमेरिका के बाद अर्जेंटीना तीसरा सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक है।

अमेरिकी सोयाबीन संघ (American Soybean Association) के अनुसार, 2018 के व्यापार युद्ध के दौरान अमेरिकी कृषि क्षेत्र को लगभग 27 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, जिसमें से 71% नुकसान केवल सोयाबीन से संबंधित था। आज भी अमेरिकी किसान, विशेष रूप से वे जो 2024 के चुनाव में ट्रंप के समर्थन वाले राज्यों में रहते हैं, आर्थिक नुकसान से जूझ रहे हैं। केवल इलिनॉयस, जो अमेरिका का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य है, और मिनेसोटा, जो तीसरे स्थान पर है, ने पिछले चुनाव में पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया था।

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