ग्लोबल एग्री फूड प्रोसेसिंग का हब बन सकता है भारतः एग्रीजी फाउंडर
अगर वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो जो भी कृषि खाद्य पदार्थ हैं उसमें ज्यादातर में पैदावार के मामले भारत पहले या दूसरे नंबर पर है या फिर शीर्ष पांच देशों में शुमार है लेकिन वैश्विक व्यापार के मामले में भारत काफी नीचे है। भारत में काफी सारे कृषि खाद्य पदार्थ खासकर फल एवं सब्जियां बर्बाद हो जाते हैं। इसकी वजह से किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। अगर इसकी प्रोसेसिंग को बढ़ाया जाए तो न सिर्फ बर्बादी रूकेगी बल्कि भारत प्रोसेस्ड एग्री फूड में काफी आगे बढ़ सकता है और इन उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ाया जा सकता है।
कृषि खाद्य उत्पादों की बर्बादी को रोकने के लिए इनकी प्रोसेसिंग को बढ़ाया जाना चाहिए। इसके जरिये भारत ग्लोबल एग्री फूड प्रोसेसिंग हब बन सकता है। इसके लिए प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की क्षमता विस्तार की जरूरत नहीं है बल्कि मौजूदा क्षमता के ही इस्तेमाल को बढ़ाकर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। अभी देश के ज्यादातर प्रोसेसर्स खासकर छोटे एवं मध्यम (एसएमई) प्रोसेसर्स अपनी क्षमता का 50-70 फीसदी ही इस्तेमाल कर रहे हैं। यह कहना है एग्री फूड प्रोक्योरमेंट स्टार्टअप एग्रीजी के संस्थापक विक्की डोडानी का है।
रूरल वॉयस को दिए इंटरव्यू में विक्की डोडानी ने कहा, “भारत ग्लोबल एग्री फूड प्रोसेसिंग हब बन सकता है। एग्रीजी का विजन भी यही है। अगर वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो जो भी कृषि खाद्य पदार्थ हैं उसमें ज्यादातर में पैदावार के मामले भारत पहले या दूसरे नंबर पर है या फिर शीर्ष पांच देशों में शुमार है लेकिन वैश्विक व्यापार के मामले में भारत काफी नीचे है। भारत में काफी सारे कृषि खाद्य पदार्थ खासकर फल एवं सब्जियां बर्बाद हो जाते हैं। इसकी वजह से किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। अगर इसकी प्रोसेसिंग को बढ़ाया जाए तो न सिर्फ बर्बादी रूकेगी बल्कि भारत प्रोसेस्ड एग्री फूड में काफी आगे बढ़ सकता है और इन उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ाया जा सकता है।”
विक्की डोडानी के मुताबिक, वैल्यू एडेड प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट में निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। एसएमई प्रोसेसर्स अपनी क्षमता का अभी पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। ये प्रोसेसर्स अभी 50-70 फीसदी क्षमता का ही इस्तेमाल कर पा रहे हैं। साथ ही वे घरेलू और विदेशी खरीदारों के मानकों के मुताबिक प्रोसेस्ड नहीं कर पाते हैं। एग्रीजी उनकी मांग बढ़ाकर उनकी क्षमता को बढ़ाने में योगदान दे रही है। साथ ही उन्हें घरेलू और विदेशी खरीदारों के मानकों के मुताबिक प्रॉडक्ट प्रोसेस्ड करने में मदद करती है। एग्रीजी इन प्रोसेसर्स को वैश्विक मानकों के मुताबिक सर्टिफिकेशन में और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती है और उन्हें घरेलू और विदेशी बाजार के लिए पूरी तरह से तैयार करती है। एसएमई के प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट की बिक्री बढ़ाने और बाजार में उन्हें बेचने में भी एग्रीजी मदद करती है।
उन्होंने बताया कि एग्रीजी का फोकस वैल्यू एडेड प्रोसेसिंग में ज्यादा है। इस क्षेत्र में कंपनी की वृद्धि भी काफी ज्यादा है। एग्रीजी प्रोसेस्ड फूड एवं वेजिटेबल्स का निर्यात भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, नेपाल सहित दक्षिण एशियाई और खाड़ी देशों को कर रही है। इसके अलावा मसालों का भी निर्यात कर रही है। विदेशों के जो बड़े खरीदार हैं कंपनी उनको सीधे निर्यात करती है। डोडानी ने बताया कि एग्रीजी एसएमई और बड़े दोनों तरह के प्रोसेसर्स के लिए काम कर रही है। मार्च 2022 की तुलना में मार्च 2023 तक एग्रीजी के कारोबार में 35 गुणा की बढ़ोतरी हुई है।
एग्रीजी बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) प्लेटफॉर्म है और प्रोसेसर्स पर केंद्रित है। एग्रीजी का प्राथमिक ग्राहक एग्री फूड प्रोसेसर्स और मिलर्स हैं। कंपनी की सारी सेवाएं इनके लिए ही हैं। कंपनी प्रोसेसर्स के लिए कच्चा माल खरीदने, प्रोसेस्ड उत्पादों की बिक्री बढ़ाने और उनकी वर्किंग कैपिटल की जरूरत को एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) के माध्यम से मुहैया कराने में मदद करती है। इस प्लेटफॉर्म के जरिये सप्लायर्स और बायर्स कृषि खाद्य पदार्थों की खरीद-बिक्री करते हैं। यह काम एग्रीजी के ऐप पर ही होता है। यह स्टार्टअप कंपनी सभी तरह के एग्री फूड प्रोससर्स के लिए कच्चा माल खरीदती है। इनमें घरेलू और विदेशी खरीदार शामिल हैं। विदेशी खरीदारों में प्रोसेस्ड कृषि खाद्य उत्पाद, सब्जियां और मसालों के खरीदार शामिल हैं। जबकि घरेलू प्रोसेसर्स के लिए सभी तरह के अनाजों और तिलहन फसलों की खरीद एग्रीजी करती है।
एग्रीजी अभी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों से प्रोसेसर्स के लिए कच्चा माल खरीदती है। इन प्रोसेसर्स के लिए लॉजिस्टिक सुविधाएं भी एग्रीजी मुहैया कराती है।