किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 133वें दिन अनशन तोड़ा, लेकिन एमएसपी की लड़ाई तेज करने का संकल्प
डल्लेवाल ने कहा, मैं यह संकल्प लेता हूं कि देश के कोने-कोने में जाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून पर चल रहे आंदोलन को तेज करने का कार्य करूंगा और आखिरी सांस तक किसानों के हक व अधिकारों की लड़ाई जारी रखूंगा। 70 वर्षीय किसान नेता कैंसर से भी जूझ रहे हैं, इसके बावजूद उन्होंने अपनी मांगों के लिए लंबा संघर्ष जारी रखा है।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपने आमरण अनशन के 133वें दिन अनशन समाप्त करने का ऐलान किया है। श्री फतेहगढ़ साहिब में आयोजित किसान महापंचायत में उन्होंने इसकी घोषणा की। डल्लेवाल ने कहा कि मैं निजी तौर पर अनशन समाप्त करने के हक में नहीं हूं। लेकिन पिछले चार दिनों में मैं चार महापंचायतों में गया, देश-विदेश से मुझे हजारों किसानों के सन्देश मिले हैं और सभी ने अनशन समाप्त करने का आग्रह किया है। किसान समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए आज मैं आमरण अनशन समाप्त करता हूं। एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट करके डल्लेवाल से अनशन खत्म करने का आग्रह किया था।
डल्लेवाल ने कहा, मैं यह संकल्प लेता हूं कि देश के कोने-कोने में जाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून पर चल रहे आंदोलन को तेज करने का कार्य करूंगा और आखिरी सांस तक किसानों के हक व अधिकारों की लड़ाई जारी रखूंगा। 70 वर्षीय किसान नेता कैंसर से भी जूझ रहे हैं, इसके बावजूद उन्होंने अपनी मांगों के लिए लंबा संघर्ष जारी रखा है।
उनकी इस घोषणा के बाद महापंचायत में डल्लेवाल के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अरदास की गई ताकि वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो कर आंदोलन को मजबूत करें। इसके बाद डल्लेवाल ने गुरुद्वारा बाबा जोरावर सिंह जी - बाबा फतेह सिंह जी के मुख्य ग्रन्थी के हाथ से पवित्र जल और प्रसाद ग्रहण किया।
एमएसपी गारंटी कानून समेत 12 मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी 2024 से आंदोलन शुरू किया था। शुरुआती दिनों में हरियाणा पुलिस की कार्रवाई में एक युवा किसान शुभकरण सिंह की सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके अलावा 5 किसानों की आंखों की रोशनी चली गयी और 434 किसान घायल हुए थे।
18 फरवरी 2024 के बाद 9 महीने तक किसानों से केंद्र सरकार ने कोई बात नहीं की। तब 26 नवम्बर को जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आमरण अनशन शुरू किया। उसके 54 दिन बाद केंद्र सरकार ने बातचीत का न्योता भेजा। फिर इस साल 14 फरवरी, 22 फरवरी और 19 मार्च को केंद्र सरकार के साथ मीटिंग हुई। लेकिन 19 मार्च को मीटिंग से वापस आते समय किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पंजाब में 3 अप्रैल से किसान महापंचायतों का दौर जारी है और मई में हरियाणा व राजस्थान में किसान महापंचायत आयोजित की जाएंगी।