पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 18 फीसदी से अधिक हुआ, गन्ने और अनाज का लगभग बराबर योगदान
चालू इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान 9 मार्च तक पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 18.08 फीसदी तक पहुंच गया है।

भारत ने अपने इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम में उल्लेखनीय प्रगति की है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और हरित ईंधन को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल ब्लैंडिंग बढ़कर 18 फीसदी से अधिक हो गई है। इसमें सर्वाधिक हिस्सेदारी गन्ने आधारित इथेनॉल की है जबकि लगभग इतना ही योगदान अनाज से बने इथेनॉल का है।
उद्योग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चालू इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान 9 मार्च तक पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 18.08 फीसदी हो गया है। इस अवधि में देश में कुल 302.70 करोड़ लीटर इथेनॉल का उपयोग किया गया। इसमें 151.46 करोड़ लीटर इथेनॉल गन्ना आधारित था जबकि इससे कुछ ही कम 151.24 करोड़ लीटर इथेनॉल अनाज आधारित था।
इस साल अनाज आधारित इथेनॉल में सबसे ज्यादा 130.26 करोड लीटर इथेनॉल की आपूर्ति मक्का से बने इथेनॉल की हुई, जबकि लगभग 21 करोड़ लीटर इथेनॉल खराब अनाज से बनकर आया। गन्ने के जूस से उत्पादित 123.21 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति हुई। 25.38 करोड़ लीटर इथेनॉल बी-हैवी मोलासेस से बनकर पेट्रोल मिश्रण के लिए सप्लाई हुआ।
पिछले वर्ष 2023-24 के दौरान इथेनॉल मिश्रण का स्तर 15 फीसदी तक पहुंच गया था। इसमें अनाज आधारित इथेनॉल की मात्रा गन्ने से बने इथेनॉल के मुकाबले काफी अधिक थी। क्योंकि पिछले साल सरकार ने गन्ने के जूस से इथेनॉल बनाने पर रोक लगा दी थी। इस साल यह रोक नहीं है, लेकिन गन्ना उत्पादन में गिरावट के चलते अनाज और गन्ने से लगभग बराबर मात्रा में इथेनॉल की आपूर्ति हुई।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार इथेनॉल उत्पादन को कई तरह से बढ़ावा दे रही है। मक्का से इथेनॉल पर काफी जोर दिया जा रहा है। साथ ही इथेनॉल की खरीद और दाम तय करने के लिए एक व्यवस्था बनाई है।
वर्ष 2013-14 में तेल कंपनियों द्वारा कुल इथेनॉल मिश्रण 38 करोड़ लीटर था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 707 करोड़ लीटर हो गया। वर्ष 2014 तक पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण का स्तर 1.53 फीसदी था जो 2024 में 15 फीसदी तक पहुंच गया था।
केंद्र सरकार का दावा है कि पिछले दस वर्षों के दौरान इथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और लगभग 193 लाख टन कच्चे तेल की जगह इथेनॉल का उपयोग हुआ है।