वैश्विक सहकारी सम्मेलन से बढ़ेगी भारतीय सहकारिता की पहचानः दिलीप संघाणी
अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) के 130 साल के इतिहास में पहली बार आईसीए महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन की मेजबानी भारत द्वारा की जाएगी। इफको 17 अन्य आईसीए सदस्य संगठनों के साथ मिलकर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
सहकारी क्षेत्र की प्रमुख संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के अध्यक्ष दिलीप संघाणी का कहना है कि पहली बार भारत में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) के वैश्विक सहकारी सम्मेलन से पूरे विश्व में भारतीय सहकारिता की पहचान बढ़ेगी। सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए दिलीप संघाणी ने बताया कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 25-30 नवंबर तक आयोजित होने वाले वैश्विक सहकारी सम्मेलन के दौरान लगभग 100 देशों के प्रतिनिधियों को भारतीय सहकारिता क्षेत्र को जानने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय बनाने से देश में सहकारिता क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिला है। इसी कड़ी में वैश्विक सहकारी सम्मेलन का भारत में आयोजन देश के सहकारिता आंदोलन को विश्व में एक अग्रणी स्थान दिलाएगा।
सहकारिता क्षेत्र के अनुभवी नेता दिलीप संघाणी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के स्वप्न को साकार करने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता से जुड़े कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। देश के आर्थिक विकास और पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में सहकारिता क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा। पैक्स का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना हो, या फिर पैक्स का कम्यूटरीकरण, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बहुत सारे मूलभूत बदलाव किए गए। देश में सहकार की भावना को प्रोत्साहन मिला है। इसी कड़ी में आईसीए के 130 साल के इतिहास में पहली बार आईसीए महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन की मेजबानी भारत द्वारा की जाएगी।
इफको 17 अन्य आईसीए सदस्य संगठनों के साथ मिलकर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह आयोजन सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के विशेष सहयोग और मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है।
जी-20 की तर्ज पर होंगे कार्यक्रम
दिलीप संघाणी ने बताया कि जिस तरह भारत ने जी-20 सम्मेलन का सफल आयोजन किया था, उसी तरह वैश्विक सहकारी सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाएगा है। सम्मेलन के दौरान भारतीय सहकारी समितियों को अपनी उपलब्धियों, चुनौतियों और योगदान को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान मिलेगा। कार्यक्रम में सहकारिता संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इफको की ओर से पूरे विश्व से आए सहकारी बंधुओं के समक्ष भारतीय सहकारिता आंदोलन की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएगी। ‘सहकार से समृद्धि’ की भावना से प्रेरित सम्मेलन की थीम “सहकारिता: सबकी समृद्धि का द्वार” रखी गई है।
भारत से होगा अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष का ऐलान
सम्मेलन के दौरान वर्ष 2025 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। सम्मेलन में सहकारी क्षेत्र से युवाओं और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की योजनाओं पर भी विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में भूटान के प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक परिषद के अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के अध्यक्ष, फिजी के उप प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों सहित 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों समेत लगभग 1500 अतिथियों के भाग लेने की संभावना है।
कार्बन न्यूट्रल आयोजन
संघाणी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत देश की सहकारी समितियों को दूसरे देशों के सहकारी संगठनों के साथ जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा। विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को भारत के विभिन्न राज्यों में ले जाकर वहां के सहकारी क्षेत्र के उत्कृष्ट कार्यों से रूबरू कराया जाएगा। संघानी ने बताया कि यह कार्यक्रम कार्बन तटस्थ होगा। यहां आने वाले प्रतिनिधियों की संख्या के लिहाज से करीब 4 हजार पीपल के पेड़ लगाने की जरूरत थी। लेकिन हमारी ओर से करीब 10 हजार पेड़ लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। कार्यक्रम को पूर्णरूप से मदिरा रहित और शुद्ध शाकाहारी बनाने की योजना है।