केंद्र सरकार ने 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी, इंडस्ट्री को बड़ी राहत

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने निर्णय की जानकारी देते सोशल मीडिया पर कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 10 लाख टन चीनी निर्यात कोटा को मंजूरी दी है

केंद्र सरकार ने 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी, इंडस्ट्री को बड़ी राहत

चीनी उत्पादन में गिरावट की आशंकाओं के बावजूद केंद्र सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। चीनी उद्योग की तरफ से काफी समय से यह मांग की जा रही थी। निर्यात की अनुमति मिलने से चीनी मिलें सरप्लस स्टॉक का निर्यात कर राजस्व जुटा सकेंगी। 

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया पर निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 10 लाख टन चीनी निर्यात कोटा को मंजूरी दे दी है। इससे 5 करोड़ किसान परिवारों, 5 लाख श्रमिकों और शुगर सेक्टर को मजबूती मिलेगी।

खाद्य मंत्रालय ने चीनी मिलों को उनके तीन साल के औसत उत्पादन का 3.174% का एक समान निर्यात कोटा आवंटित किया है, जिसे वे सीधे या व्यापारी निर्यातकों के माध्यम से निर्यात कर सकते हैं। आवंटित मात्रा के भीतर सभी ग्रेड की चीनी के निर्यात की अनुमति दी गई है। चीनी मिलें 30 सितंबर तक निर्यात कर सकती हैं। उनके पास 31 मार्च तक कोटा सरेंडर करने या निर्यात कोटा को घरेलू मासिक रिलीज मात्रा के साथ बदलने का विकल्प रहेगा।

इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा, "यह निर्णय चीनी मिलों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है, जिससे उन्हें राजस्व जुटाने और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान करने में मदद मिलेगी।"

भारत से चीनी निर्यात शुरू होने से घरेलू बाजारों में चीनी की गिरती कीमतों को सुधारने में मदद मिल सकती है जबकि इस फैसले से वैश्विक कीमतों पर गिरावट का दबाव पड़ सकता है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब गन्ने की फसल पर रोगों और मौसम की मार के चलते चीनी उत्पादन घटने का अनुमान है।

चालू पेराई सत्र 2024-25 में देश का चीनी उत्पादन घटकर 270 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले सीजन 2023-24 में 320 लाख टन रहा था। 15 जनवरी तक कुल चीनी उत्पादन 130 लाख टन रहा है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 13.66 प्रतिशत कम है। चीनी उत्पादन में गिरावट की चिंताओं के कारण ही सरकार ने वर्ष 2023-24 में चीनी निर्यात पर रोक लगा दी थी।

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