RuralVoice.in एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है, जो बदलते भारत को मुख्य धारा से जोड़ने की एक मुहिम है। न्यू इंडिया में ‘भारत’ यानी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था व सामाजिक क्षेत्र में भी तेजी से बदलाव हो रहे हैं। लेकिन मुख्य धारा मीडिया में देश की आधी से ज्यादा आबादी की आवाज कमजोर है। यही स्थिति जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग से ज्यादा हिस्सा रखने वाले कृषि और रुरल सेक्टर की है। आज इस क्षेत्र के लिए कोई मजबूत मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं है। कुछ समाचार पत्र कृषि, कृषि-व्यवसाय, ग्रामीण विकास से संबंधित सामग्री प्रकाशित करते हैं, लेकिन यह कभी-कभार ही होता है। और ये भी उसमें नीति निर्माताओं या उद्योग जगत के विचारों को दर्शाते हैं।
RuralVoice.in का उद्देश्य ‘भारत’ के उत्पादकों के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह एक स्वतंत्र समाचार और करंट अफेयर्स प्लेटफॉर्म है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संबंधित पक्षों को आवाज देकर उन्हें सशक्त बनाएगा।
साल 2011 में सीएसडीएस ने में भारत के छह सबसे अधिक प्रसार वाले दैनिक समाचार पत्रों - तीन हिंदी और तीन अंग्रेजी का अध्ययन किया था। उनके अध्ययन के अनुसार ग्रामीण भारत से संबंधित मुद्दों को इन समाचार पत्रों में केवल 2 फीसदी कवरेज मिलती है। इसमें भी ज्यादातर कवरेज अपराध, हिंसा, दुर्घटनाओं और आपदाओं पर की गई। शायद ही कोई ऐसी सामग्री थी जो कृषि, पशुपालन, ग्रामीण विकास और हमारे ग्रामीण नागरिकों की दिन-प्रतिदिन की चिंताओं पर आधारित हो। जो शहरों और म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की रिपोर्टिंग के ठीक उलट है, जहां पर इन समाचार पत्रों के ब्यूरो ऑफिस हैं।
भारतीय मीडिया का उपरोक्त चरित्र यानी ग्रामीण मामलों के प्रति उदासीनता 2020 में भी बना हुआ है। लेकिन एक चीज जो बदल गई है, वह है ग्रामीण भारत में इंटरनेट की पहुंच और लोगों के हाथ में स्मार्ट फोन । नवंबर 2019 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और नीलसन की एक रिपोर्ट ने ग्रामीण भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 22.7 करोड़ बताई है, जो शहरी भारत के 20.5 करोड़ से अधिक है। निश्चित तौर पर इसमें एक अवसर निहित है। डिजिटल इंडिया के रूप में आया यह अवसर सूचना प्रसार में ग्रामीण-शहरी विभाजन के अंतर को खत्म करने की क्षमता रखता है। पहली बार, भारत में और इसके लिए समाचारों का एक बाजार है। यह स्थितियां ही रुरल वॉयस की ताकत है जो इंडिया के साथ ‘भारत’ को लाने की मुहिम पर काम करेगा।
रूरल वॉयस को लांच करने के लिए हमने जीवन भर ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए काम करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को चुना है जो किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।