'तालाब में उग रहा गेहूं', जीतू पटवारी ने लगाया बीज कंपनियों पर भ्रष्टाचार का आरोप

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीज कंपनियों पर 10 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि किसानों को उन्नत बीजों की बजाय घटिया बीज दिए जा रहे हैं और फर्जी पंजीकरण दिखाकर किसानों से लूट की जा रही है।

'तालाब में उग रहा गेहूं', जीतू पटवारी ने लगाया बीज कंपनियों पर भ्रष्टाचार का आरोप

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीज कंपनियों पर 10 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। शनिवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को उन्नत किस्मों के बीजों के बजाय घटिया क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पटवारी ने आरोप लगाया कि बीज उत्पादक कंपनियां और मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण मिलकर किसानों को तीन गुना दाम पर घटिया बीज बेच रही हैं। कागजों पर किसानों का फर्जी पंजीकरण दिखाकर "तालाब और बंजर जमीर" पर उन्नत किस्मों के बीज का उत्पादन दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर किसानों के साथ लूट है और सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। 

कागजों में दिखाया जा रहा झूठ

जीतू पटवारी ने कहा कि उज्जैन सहित कई जिलों में इस तरह से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। बीज कंपनियां प्याज, आलू, चना, मटर से गेहूं का उत्पादन बताकर प्रतिवर्ष करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रही हैं। इतना ही नहीं फर्जी बीज की पाठशाला में अमरूद, नींबू से सोयाबीन और चारा को गेंहू बताने जैसा काम भी कागजों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रकबे को 10 से 100 गुना अधिक बताने की जालसाजी का बड़ा खेल प्रदेश में हो रहा है। बंजर जमीन और तालाब में उन्नत बीज उगाने के नए-नए कारनामें सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्नत बीज के नाम पर गरीब किसानों से प्रतिवर्ष लूट कर रही है। जिस कारण किसान बेहाल होकर आत्महत्या कर रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान पर साधा निशाना 

जीतू पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारे देश के कृषि मंत्री संसद में किसानों को लेकर बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं। लेकिन बतौर मुख्यमंत्री आपने ही मध्य प्रदेश के किसानों से वादा किया वादा भूल गए। उन्होंने कहा कि गेहूं-धान के लिए क्रमशः 2700 रुपये और 3100 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा आज भी अधूरा है। चुनाव के बाद चली पर्ची में वो तो प्रदेश से चले गए, लेकिन उनके साथ बीजेपी के वादे भी चले गए। उन्होंने कहा कि अब वह देश के किसानों से भी यदि ऐसे ही झूठ बोलेंगे, तो यह अन्न उपजाने वाले किसानों के साथ आपराधिक अन्याय होगा। उन्होंंने कहा कि कागजी आंकड़ों के भरोसे झूठे बयान बंद करें और पहले मध्य प्रदेश के सभी किसानों से किए वादों को पूरा करें।

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