चीनी उत्पादन घटने के आसार, देश भर में 448 चीनी मिलों में पेराई पूरी

चालू सीजन में 15 अप्रैल तक देश भर में 448 चीनी मिलें अपना पेराई सत्र पूरा कर चुकी हैं। जबकि पिछले साल इस अवधि तक 401 चीनी मिलें बंद हुई थीं।

चीनी उत्पादन घटने के आसार, देश भर में 448 चीनी मिलों में पेराई पूरी

सरकार द्वारा एथेनॉल के लिए उपयोग होने वाली चीनी की मात्रा को 45 लाख टन से घटाकर 17 लाख टन कर देने के बावजूद चालू पेराई सीजन (2023-24) में चीनी का उत्पादन पिछले साल से कम रहने के आसार बन रहे हैं। चालू सीजन में 15 अप्रैल तक देश भर में 448 चीनी मिलें अपना पेराई सत्र पूरा कर बंद हो चुकी हैं जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 47 अधिक है।

पिछले साल 15 अप्रैल तक 401 चीनी मिलें बंद हुई थीं। सबसे अधिक तेजी से उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें बंद हो रही हैं। यहां 15 अप्रैल तक 79 चीनी मिलें पेराई बंद कर सत्र समाप्त कर चुकी हैं और 42 मिलें पेराई कर रही हैं। जबकि पिछले साल 15 अप्रैल तक यूपी में 77 चीनी मिलें पेराई कर रही थीं और 40 मिलें ही बंद हुई थीं। राज्य में पिछले साल जहां 117 चीनी मिलों में पेराई हुई थी जबकि इस साल यह संख्या 121 मिलों की थी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक, 15 अप्रैल तक देश भर में चीनी का कुल उत्पादन 310.93 लाख टन रहा है जबकि पिछले साल उक्त तिथि तक देश में कुल चीनी उत्पादन 312.38 लाख टन रहा था। देश में इस साल गन्ना उत्पादन में आई कमी के चलते चीनी उत्पादन कम रहा है। हालांकि कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने दिसंबर, 2023 में एक आदेश जारी कर गन्ने के रस से सीधे ऐथनॉल बनाने पर रोक लगा दी थी। इस साल एथेनॉल उत्पादन के लिए 17 लाख टन चीनी की मात्रा तय की गई है जबकि पिछले साल 45 लाख टन चीनी का डायवर्जन एथेनॉल उत्पादन के लिए किया गया था।

State-wise Sugar Production

YTD

15th April’ 2024

15th April’ 2023

 

Number of Factories

 

Number of Factories

 

ZONE

 

Started

 

Closed

 

Operating

Sugar Production (Lac Tons)

 

Started

 

Closed

 

Operating

Sugar Production (Lac Tons)

U.P.

121

79

42

101.45

117

40

77

96.70

Maharashtra 

207

192

15

109.20

211

211

0

105.90

Karnataka

76

76

0

50.60

75

73

2

54.95

Gujarat  

17

17

0

9.19

16

15

1

9.98

Tamil Nadu

29

13

16

8.60

29

1

28

10.10

Others

82

71

11

31.89

85

61

24

34.75

ALL INDIA

532

448

84

310.93

533

401

132

312.38

इस साल देश भर में 532 चीनी मिलों ने पेराई शुरू की थीं। इनमें से 488 चीनी मिलें 15 अप्रैल तक पेराई पूरी कर चुकी हैं और 84 फैक्टरियों में पेराई चल रही है। वहीं पिछले साल पेराई शुरू करने वाली चीनी मिलों की संख्या 533 थी। इनमें से 15 अप्रैल तक 401 चीनी मिलं बंद हो चुकी थीं जबकि 132 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। इस प्रकार 15 अप्रैल तक चल रही चीनी मिलों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 48 कम है।  

इस्मा के मुताबिक, इस वर्ष अप्रैल के पहले पखवाड़े में चीनी मिलों के बंद होने की गति पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक रही है। इस अवधि में 128 मिलों ने पेराई बंद कर दी जबकि पिछले साल 55 चीनी मिलें बंद हुई थीं।

उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें तेजी से बंद होने की एक बड़ी वजह गन्ना उत्पादन में कमी के साथ ही गुड़ और खांडसारी इकाइयों द्वारा गन्ने का बेहतर मूल्य देना और नकद भुगतान रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुड़ और खांडसारी इकाइयों ने राज्य सरकार द्वारा तय 370 रुपये प्रति क्विंटल के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से भी अधिक दाम किसानों को दिया। गुड़ की मांग के चलते इसके दाम 50 रूपये किलो को पार कर गये और इसका फायदा गुड़ इकाइयों ने उठाया।

पिछले सप्ताह तक शामली जिले की एक चीनी मिल ने किसानों को 400 रुपये और 420 रुपये प्रति क्विंटल तक गन्ना मूल्य का भुगतान किया। चीनी मिलों के बीच गन्ना आपूर्ति को लेकर अभी भी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रही है। कमजोर गन्ना उत्पादन को देखते हुए अगले कुछ दिनों में ही राज्य की अधिकांश चीनी मिलें बंद हो सकती हैं जिसके चलते चीनी उत्पादन पिछले साल से कम रहेगा। वहीं महाराष्ट्र में नवंबर और दिसंबर में बारिश होने से गन्ना की फसल को फायदा हुआ है और वहां उत्पादन बेहतर रहने के आसार हैं।

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