यूपी के किसानों को विदेश भेजेगी प्रदेश सरकार! जानें क्या है 'यूपी-एग्रीस' योजना का पूरा प्लान

उत्तर प्रदेश सरकार "यूपी-एग्रीस" कार्यक्रम शुरू करने जा रही है, जिसके तहत प्रदेश में कृषि क्षेत्र और कृषि आधारित उद्योग पुनर्जीवित करने का प्लान है।विश्व बैंक की 4000 करोड़ रुपये की सहायता से किसानों, कृषक संगठनों और उद्यमियों को तकनीकी सहायता और इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा। योजना के तहत 10 लाख किसानों को लाभ होगा और उन्हें विदेश में प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे

यूपी के किसानों को विदेश भेजेगी प्रदेश सरकार! जानें क्या है 'यूपी-एग्रीस' योजना का पूरा प्लान

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए "कृषि विकास और ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण (यूपी-एग्रीस)" कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। यह परियोजना विश्व बैंक की सहायता से शुरू होगी, जिसके तहत किसानों, कृषक उत्पादक संगठनों और कृषि उद्यमियों को हर संभव तकनीकी सहायता और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्रदान की जाएगी। विश्व बैंक इसके लिए उत्तर प्रदेश को 4000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण के लिए विभिन्न देशों में भी भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इस संबंध में विश्व बैंक के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बैठक के दौरान 'यूपी-एग्रीस' कार्यक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस योजना के तहत फसल उत्पादकता बढ़ाने और मूंगफली, मिर्च, और हरी मटर जैसी फसलों के लिए क्लस्टर विकसित करने के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए संबंधित उद्योगों के लिए नए क्लस्टर बनाए जाएंगे।

10 लाख किसानों को मिलेगा लाभ   

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह परियोजना 6 वर्ष की होगी। 4000 करोड़ रुपये की इस परियोजना का सीधा लाभ कृषक, कृषक समूहों, मत्स्य पालकों और कृषि सेक्टर से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा। यूपी एग्रीस परियोजना, पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 और बुंदेलखंड के सात जिलों में संचालित की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष सहायता मिलेगी, जिनमें से 30 प्रतिशत महिला किसान होंगी।

किसानों को विदेश भेजने की योजना

इस योजना के तहत किसानों को नई तकनीकों के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण के लिए विभिन्न देशों में भेजा जाएगा। विश्व बैंक की मदद से शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य किसानों, किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और कृषि उद्यमियों को व्यापक तकनीकी सहायता और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है।

विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 187.70 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है, जो इसे एकमात्र ऐसा राज्य बनाता है जहां कुल उपलब्ध भूमि के 76 प्रतिशत हिस्से पर खेती की जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जनशक्ति, शुद्ध पानी की उपलब्धता और विविध जलवायु क्षेत्रों की वजह से यह राज्य देश के कृषि क्षेत्र का पावरहाउस बनने की पूरी क्षमता रखता है।

उन्होंने कहा कि राज्य की 7 प्रतिशत आबादी वाले बुंदेलखंड का कृषि उत्पादन में केवल 5.5 प्रतिशत योगदान है। इस परियोजना के जरिए हमारा उद्देश्य इन क्षेत्रों में जलवायु-लचीले और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य तरीके से कृषि खाद्य प्रणाली को विकसित करना है। मुख्यमंत्री ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गौतम बुद्ध नगर में जेवर हवाई अड्डे के पास एक निर्यात केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!