यूपी में 60 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 7 लाख टन गेहूं खरीद, क्रय केंद्रों तक किसानों को लाने की कोशिश

देश में गेहूं की सरकारी खरीद 223 लाख टन से ऊपर पहुंच गई है, लेकिन सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में अभी तक केवल 7 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई है। खुले बाजार में गेहूं का भाव एमएसपी के आसपास होने के कारण किसान क्रय केंद्रों पर जाने से बच रहे हैं।

यूपी में 60 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 7 लाख टन गेहूं खरीद, क्रय केंद्रों तक किसानों को लाने की कोशिश

- लखनऊ से सुमित यादव

इस साल देश में गेहूं की बंपर पैदावार है। लेकिन देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 60 लाख टन गेहूं खरीद लक्ष्य के मुकाबले अभी तक करीब 7 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। प्रदेश में रबी सीजन की अधिकांश कटाई पूरी हो चुकी है, लेकिन गेहूं खरीद की स्थिति यह है कि कई खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। 

रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि मध्यप्रदेश सरकार इसके ऊपर 175 रुपये और राजस्थान सरकार 150 रुपये का बोनस दे रही हैं। खुले बाजार में भी गेहूं के दाम एमएसपी के आसपास या इससे ऊपर चल रहे हैं। ऐसे में यूपी के किसान खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचने की बजाय व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं या फिर बेहतर दाम की उम्मीद पर स्टोर कर रहे हैं। 

यूपी के खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल के अनुसार, राज्य में 28 अप्रैल तक 6.95 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। इस साल यूपी में गेहूं खरीद के लिए 4.23 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन अब तक लगभग 1.27 लाख किसानों से सरकारी खरीद हो पाई है। पिछले साल 1.80 लाख किसानों से करीब 9.31 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। 

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के सरेनी विकासखंड के बसावन खेड़ा के ओम प्रकाश यादव (42 वर्ष) के पास चार बीघा गेहूं था। अप्रैल के शुरुआत में गेहूं कटाई के बाद ओम प्रकाश ने स्थानीय व्यापारी को अपनी सारी उपज 2300 प्रति/कुंतल के भाव में बेच दिया। रूरल वॉयस से बात करते हुए ओम प्रकाश कहते हैं कि सरकारी खरीद केंद्र पर एमएसपी में गेहूं बेचने के बजाय स्थानीय व्यापारी को गेहूं इसलिए बेच दिया क्योंकि मुझे फसल तैयार होने से पहले कुछ पैसों की जरूरत थी जो व्यापारी से उधार लेकर पूरी की थी। तभी वादा किया था कि गेहूं तैयार होते ही तुम्हे तौल दूंगा। 

बहुत से किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय व्यापारियों से पैसा उधार लेते हैं, इसलिए सरकारी खरीद की बजाए उन्हें उपज बेचना मजबूर बन जाता है। फिर खरीद केंद्रों तक उपज ले जाने, सफाई-छनाई के नाम पर कटौती और सरकारी प्रक्रिया के झंझट से बचने के लिए किसान लोकल व्यापारी को उपज बेच देते हैं। 

उन्नाव जिले के सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक की रानीगंज साधन सहकारी समिति के गेहूं खरीद केंद्र पर अब तक 16 किसानों ने महज 317 कुंतल गेहूं बेचा है। राजेन्द्र शुक्ला (50 वर्ष) अमिलाह गाँव के रहने वाले हैं। उनके पास कुल नौ बीघा जमीन है जिसमें से पांच बीघा में गेहूं की फसल थी। किराए के ट्रैक्टर-ट्रॉली से 32 कुंतल गेंहू बेचने आये राजेन्द्र शुक्ला कहते हैं कि सोसाइटी के सचिव नरेंद्र यादव का कई बार फोन गया। बाहर बाजार में भी एमएसपी के आसपास ही गेहूं बिक रहा है। लेकिन सोसायटी का मेंबर होने के कारण यहां बेच रहा हूं। 

रानीगंज सहकारी समिति के सचिव नरेंद्र यादव बताते हैं कि आसपास के किसानों से फोन पर संपर्क कर खरीद केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए कह रहा हूँ। लगातार किसानों के सम्पर्क में हूं। किसानों को केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वह बताते हैं कि गेहूं का बाजार भाव एमएसपी के आसपास होने के कारण किसान खरीद केंद्र पर गेहूं लाना पसंद नहीं करते हैं। पिछले साल भी उनके खरीद केंद्र पर मात्र 334 कुंतल गेहूं की खरीद हो सकी थी। जबकि 5-6 साल पहले लोग गेहूं बेचने के लिए कई-कई दिनों तक केंद्र पर पड़े रहते थे। 

उन्नाव के जिला विपणन अधिकारी श्याम मिश्रा बताते हैं कि गेहूं खरीद बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। सभी केंद्र प्रभारी किसानों से संपर्क कर रहे हैं। उन्नाव जिले में इस साल कुल 92 केंद्रों पर गेहूं खरीद की जा रही है। स्थिति यह है कि 23 अप्रैल तक 31 केंद्रों पर बोहनी (खरीद की शुरुआत) नहीं हुई थी। जनपद में गेहूं बेचने के लिए पोर्टल के माध्यम से 2779 किसानों ने पंजीकरण कराया है। लेकिन 24 अप्रैल तक 684 किसानों से 2253 टन गेहूं की खरीद की गई है। 

लखनऊ मंडल के संभागीय खाद्य एवं विपणन अधिकारी अजीत त्रिपाठी ने रूरल वॉयस को बताया कि खरीद बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि मोबाइल खरीद के माध्यम से अधिक से अधिक खरीद हो। किसी गाँव में अगर हमें 100 कुंतल गेहूं बेचने वाले किसान मिल जाते हैं तो हम अपनी मोबाइल वैन भेज कर खरीद करा रहे हैं।  

उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी गेहूं उत्पादक राज्य है। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के दौरान देश में रिकॉर्ड 1154.30 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है, जिसमें 357.36 लाख टन (देश का एक तिहाई) गेहूं उत्पादन यूपी में होगा। लेकिन जब सरकारी खरीद की बात आती है तो यूपी देश के टॉप 4 राज्यों में भी शुमार नहीं है। विभिन्न राज्य सरकारी एजेंसियों ने मिलकर देश में अब तक 223.6 लाख टन से अधिक गेहूं खरीद की है। इसमें सर्वाधिक खरीद पंजाब से लगभग 85 लाख टन, हरियाणा से 62 लाख टन, मध्य प्रदेश से 61 लाख टन और राजस्थान से करीब 10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। 

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश का लगभग एक तिहाई गेहूं पैदा करने वाला उत्तर प्रदेश देश की कुल सरकारी खरीद में बमुश्किल करीब 3 फीसदी का योगदान कर पा रहा है।  

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