सोयाबीन के भाव में गिरावट का मुद्दा गरमाया, एक सितंबर से आंदोलन की चेतावनी

सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर मध्य प्रदेश के किसान एक सितंबर से आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। इस आंदोलन के तहत, 1 से 7 सितंबर तक गांवों में पंचायत सचिवों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे और सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की जाएगी

सोयाबीन के भाव में गिरावट का मुद्दा गरमाया, एक सितंबर से आंदोलन की चेतावनी

मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कीमतों में आई भारी गिरावट ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालात यह है कि प्रदेश में सोयाबीन का भाव 10 साल पुराने स्तर पर पहुंच गया। प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन की कीमतें 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं, जो कि केंद्र सरकार द्वारा आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4892 रुपये प्रति क्विंटल से कम है। जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। सोयाबीन की कम कीमतों के चलते किसानों के लिए लागत निकालना तक मुश्किल हो गया है। ऐसे में अब प्रदेश के किसान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। 

प्रदेश भर के किसानों ने सोशल मीडिया पर इसके लिए मुहिम छेड़ दी है। सोशल मीडिया के जरिए किसान लगातार सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। वहीं, एक सितंबर को इसे लेकर औपचारिक आंदोलन की शुरुआत भी होने जा रही। जिसमें प्रदेशभर के विभिन्न संगठनों के करीब 2000 किसान नेता और पांच हजार गांवों के किसान शामिल होंगे। 

संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के सदस्य राम इनानिया ने रूरल वॉयस को बताया कि सोयाबीन की कीमतों को लेकर प्रदेश के किसान बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। इस आंदोलन के तहत, 1 से 7 सितंबर तक गांवों में पंचायत सचिवों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। उनके जरिए यह ज्ञापन आगे सरकार तक भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के तत्वाधान में प्रदेश के 25 छोटे बड़े किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल होंगे और सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। 

राम इनानिया ने कहा कि ज्ञापन के जरिए सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की जाएगी। अगर 7 सितंबर के बाद भी सरकार सोयाबीन की कीमतों को लेकर कोई फैसला नहीं लेती, तो उसके बाद  संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश की एक बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। 

किसान सत्याग्रह मंच के संस्थापक सदस्य शिवम बघेल ने रूरल वॉयस को बताया कि सोयाबीन की कीमतें 10 साल पुराने स्तर पर आ गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट आई है, और इस साल दाम 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत और मौजूदा कीमतों के बीच बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की प्रति एकड़ लागत 15 से 20 हजार रुपये आती है, जबकि प्रति एकड़ 4 से 5 क्विंटल उत्पादन होता है। मौजूदा दाम के हिसाब से किसानों को उत्पादन लागत निकालना कठिन हो रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कीमतें ऐसे ही गिरती रही, तो किसानों को मजबूरन सोयाबीन की खेती छोड़नी पड़ेगी। 

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