हरियाणा में सरसों की खरीद शुरू, लेकिन अधूरी तैयारियों से किसान परेशान
हरियाणा में 26 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। लेकिन पूरी तैयारियां नहीं होने से पहले दिन किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हरियाणा में 26 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। लेकिन पहले दिन किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई किसानों की फसल का सत्यापन नहीं होने से मंडियों में गेट पास जारी नहीं हुए। ऐसे किसानों को वापस लौटना पड़ा या फिर मिलर्स को कम दाम पर सरसों बेचनी पड़ी। कई मंडियों में किसान सरसों लेकर नहीं पहुंचे। इस साल बाजार में सरसों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने के कारण किसान एमएसपी पर सरसों बेचना चाहते हैं।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल हरियाणा में 10.52 लाख से ज्यादा किसानों ने कुल 61.45 लाख एकड़ रबी फसल क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन कराया है। राज्य में किसानों से सरसों खरीद के लिए 104 खरीद केंद्र बनाए गये हैं जहां 5650 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद जाएगी।
रेवाड़ी, नारनौल समेत राज्य की कई मंडियों में पहले दिन किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कत मंडी गेट पर टोकन मिलने में आ रही है। चरखी दादरी मंडी के आढ़तियों ने मंडी प्रशासन पर अधूरी तैयारियों का आरोप लगाते हुए अपनी मांगों को लेकर सरसों की खरीद का बहिष्कार किया। चरखी दादरी में पहले दिन सरसों की कोई खरीद नहीं हुई। भिवानी अनाज मंडी में पहले दिन सरसों की खरीद नहीं हुई। क्योंकि पहले दिन कोई किसान नहीं पहुंचा। कई मंडियों में सरसों की आवक कम है क्योंकि किसान अभी फसल कटाई में लगे हैं और फसल में नमी भी अधिक है।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के रेवाड़ी जिलाध्यक्ष समय सिंह ने डीसी राहुल हुड्डा को सरसों खरीद की बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए ज्ञापन दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 26 मार्च को बहुत से किसान सरसों की फसल लेकर मंडी में पहुंचे, लेकिन दोपहर 2 बजे तक भी सरसों की खरीद शुरू नहीं हुई थी। जिससे किसानों में रोष है।
यमुनानगर में कौन-सा विभाग सरसों की खरीद करेगा, इसे लेकर ही असमंजस की स्थिति बनी रही। पहले कहा जा रहा था हरियाणा वेयर हाउस की तरफ से सरसों की खरीद की जाएगी। परंतु मंगलवार को पता चला कि सरसों की खरीद हैफेड की ओर की जाएगी। जिले में कुल 13 अनाज मंडियां हैं। परंतु पूरे जिले में केवल जगाधरी अनाज मंडी में ही सरसों के लिए खरीद केंद्र बनाया गया है।
कई मामलों में किसानों ने रजिस्ट्रेशन तो करवा लिया था लेकिन फसल का सत्यापन न होने के कारण ई-खरीद पोर्टल पर रिकॉर्ड अपलोड नहीं हो पाया। इसलिए मंडी में गेट पास जारी नहीं हुए। हरियाणा में सरसों की खरीद के लिए हैफेड और हरियाणा स्टेट वेयर हाउस कारपोरेशन को अधिकृत किया गया है।
कैसे मिलेगा गेट पास
किसानों को सरसों बिक्री के लिए मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के प्रमाण के साथ आधार कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज कराने के बाद ही गेट पास मिलेगा। गेट पास वाले किसानों से ही मंडी में सरसों की सरकारी खरीद होगी।
8 फीसदी नमी का मानक
किसानों से अधिकतम 8 फीसदी नमी वाली सरसों की खरीद होगी। मगर शुरुआत में सरसों में अधिक नमी रहती है। इसलिए किसानों से फसल को अच्छी तरह सुखाकर मंडी में लाने का आग्रह किया जा रहा है।
25 क्विंटल खरीद की लिमिट
राज्य सरकार ने एक किसान के लिए एक दिन में 25 क्विंटल सरसों की खरीद की लिमिट निर्धारित की है। अगर किसान की उपज 25 क्विंटल से ज्यादा है तो उसे अगले दिन फसल खरीद के लिए आना होगा।