जीएम फसलों के परीक्षण की मंजूरी तत्काल वापस ले हरियाणा सरकारः भारतीय किसान संघ
भारतीय किसान संघ ने हरियाणा सरकार से जीएम फसलों के परीक्षण की मंजूरी को तत्काल वापस लेने की मांग है। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने इस संबंध में विरोध दर्ज कराते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि जीएम फसल अवैज्ञानिक एवं एक विफल तकनीक है। यह फसल कैंसर पैदा करती है। पर्यावरण मंत्रालय भी यह मानता है। यह फसल जैव-विविधता के लिए बड़ा खतरा है। जीएम फसल तकनीक किसान व कृषि क्षेत्र के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाने वाली है।
भारतीय किसान संघ ने हरियाणा सरकार से जीएम फसलों के परीक्षण की मंजूरी को तत्काल वापस लेने की मांग है। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने इस संबंध में विरोध दर्ज कराते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा है।
मोहिनी मोहन मिश्र ने अपने पत्र में कहा है कि 17 मई, 2023 को जीईएसी की 149वीं बैठक में हरियाणा सरकार ने जीएम फसल, विशेषकर हर्बीसाईड टोलरेंट (एचटीबीटी) फसल को अपने राज्य में परीक्षण के लिए अनुमति दी है। जबकि इन फसलों के दुष्परिणाम को देखते हुए तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों ने अनुमति देने से मना कर दिया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि हरियाणा सरकार के इस निर्णय के खिलाफ भारतीय किसान संघ अपना विरोध जताता है।
भारतीय किसान संघ की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा है कि जीएम फसल अवैज्ञानिक एवं एक विफल तकनीक है। यह फसल कैंसर पैदा करती है। पर्यावरण मंत्रालय भी यह मानता है। यह फसल जैव-विविधता के लिए बड़ा खतरा है। जीएम फसल तकनीक किसान व कृषि क्षेत्र के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाने वाली है।
उनका कहना है कि जीएम फसल राष्ट्र अहितकारी विरोधी तत्वों का हथकंडा है। ऐसे में हरियाणा सरकार इस प्रकार की फसलों को कैसे अनुमति दे सकती है? भारतीय किसान संघ की मांग है कि जीएम फसलों के किसी भी प्रकार के परीक्षण या खेती के लिए हरियाणा सरकार द्वारा दी गई अनुमति तत्काल वापस ले।