किसानों का प्रदर्शनः कुरुक्षेत्र के पिपली में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे किया बंद, मांगें माने जाने तक जाम लगाने का टिकैत का ऐलान
पिपली में हाईवे पर बैठे राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी केवल दो मांगें हैं। जिन किसानों को गिरफ्तार किया गया है उनको छोड़ा जाए और सूरजमुखी के बीजों को तय एमएसपी पर खरीदा जाए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं। पिपली में किसानों की 'एमएसपी दिलाओ-किसान बचाओ रैली' हुई। इसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सूरजमुखी की खरीद को लेकर हरियाणा में चल रहा किसानों का विरोध-प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। सोमवार को कुरुक्षेत्र के पिपली अनाज मंडी में किसानों की एमएसपी महापंचायत हुई। इसके बाद नाराज किसानों ने पीपली में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे 44 को बंद कर दिया। इससे पहले किसानों और सरकार के बीच बातचीत विफल हो गई जिससे किसानों की नाराजगी और बढ़ गई। एमएसपी के अलावा किसानों की मांग है कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित गिरफ्तार किए गए अन्य किसान नेताओं को खट्टर सरकार जल्द से जल्द रिहा करे।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्विट कर कहा, “पीपली अनाज मंडी में एमएसपी महापंचायत में फैसला लिया गया की हम अपनी मांगें माने जाने तक हाईवे को बंद रखेंगे। अतः सभी प्रदेशों की इकाई अग्रिम सूचना तक कुरुक्षेत्र पर नजर बनाए रखें और अगले आदेश का इंतजार करें। सरकार की यह दमनकारी नीति देश का अन्नदाता बर्दाश्त नहीं करेगा।“
पिपली में हाईवे पर बैठे राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी केवल दो मांगें हैं। जिन किसानों को गिरफ्तार किया गया है उनको छोड़ा जाए और सूरजमुखी के बीजों को तय एमएसपी पर खरीदा जाए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं। पिपली में किसानों की 'एमएसपी दिलाओ-किसान बचाओ रैली' हुई। इसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। मालूम हो कि छह जून को जब किसान सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे तो गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित कुछ किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। बाद में अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सरकार ने 2022-23 के लिए सूरजमुखी का एमएसपी 6400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। जबकि 2023-24 के लिए एमएसपी 6760 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही की है। मगर इसकी सरकारी खरीद नहीं हो रही है। मजबूरन किसानों को निजी व्यापारियों को अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। सस्ते और बेधड़क आयात से खुले बाजार में सूरजमुखी का भाव गिरकर 4000-4500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने किसानों के नुकसान की भरपाई भावांतर योजना के जरिये करने की बात कही है लेकिन इस योजना के तहत 1000 रुपये प्रति क्विंटल की ही भरपाई की जाती है। इस योजना से भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। यही वजह है कि वे इसका विरोध कर रहे हैं और एमएसपी पर ही खरीद की मांग पर अड़े हैं।