तमिलनाडु में 45,661 करोड़ का कृषि बजट, धान के लिए विशेष पैकेज, गन्ना किसानों को प्रोत्साहन सहित कई घोषणाएं
तमिलनाडु के कृषि मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने 29 गैर-कावेरी डेल्टा जिलों में धान का क्षेत्र और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए 102 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की। इसी तरह खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए डेल्टा जिलों के लिए 58 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है।

तमिलनाडु सरकार ने अपना पांचवां कृषि बजट पेश करते हुए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल आवंटन में 2025-26 वित्त वर्ष के लिए 8% की वृद्धि की है। राज्य का कृषि बजट पिछले वर्ष के 42,282 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 45,661 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें किसानों की आय, फसल विविधीकरण, प्राकृतिक खेती, मशीनीकरण और नई पहलों पर जोर दिया गया है।
तमिलनाडु के कृषि मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने 29 गैर-कावेरी डेल्टा जिलों में धान का क्षेत्र और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए 102 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज में मशीन प्लांटिंग और गुणवत्तापूर्ण बीजों पर सब्सिडी शामिल है। इसी तरह, कुरुवई मौसम के दौरान खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए डेल्टा जिलों के लिए 58 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है।
किसानों को अंतरराष्ट्रीय तकनीकों का ज्ञान
तमिलनाडु सरकार 100 प्रगतिशील किसानों को जापान, चीन और वियतनाम की यात्रा करवाएगी ताकि वे खेती के नए तौर-तरीकों और तकनीकों को अपना सकें। इसके लिए सरकार ने 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
गन्ना किसानों को 349 रुपये/टन प्रोत्साहन
तमिलनाडु सरकार ने गन्ना किसानों को 349 रुपये प्रति टन का विशेष प्रोत्साहन देने की घोषणा की है जो केंद्र सरकार द्वारा तय उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) के अतिरिक्त होगा। इससे किसानों को गन्ने का भाव 3,500 रुपये प्रति टन मिल सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 297 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिससे 1.3 लाख गन्ना किसान लाभान्वित होंगे।
कृषि मशीनीकरण के लिए 215 करोड़ रुपये
खेती के आधुनिकीकरण के लिए तमिलनाडु सरकार 130 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करेगी, जिन्हें 10.5 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। कृषि मशीनीकरण योजना के तहत 215.80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे 17,000 किसानों को लाभ मिलेगा। छोटी धान रोपण मशीनों और पावर वीडर पर सब्सिडी बढ़ाकर क्रमशः 1.7 लाख रुपये और 85,000 रुपये कर दी गई है।
1,000 मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र
किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ और खेती से जुड़ी जानकारी व सहायता देने के लिए राज्य में 1,000 मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र पर 10-20 लाख रुपये का खर्च आएगा, जिसमें 30% यानी 3-6 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस पहल के लिए 42 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। ये मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र किसानों को बीज, उर्वरक, विशेषज्ञ सलाह और आधुनिक कृषि तकनीकों तक पहुंच प्रदान करेंगे।
तमिलनाडु कृषि वानिकी नीति
तमिलनाडु सरकार व्यावसायिक रूप से मूल्यवान पेड़ों के प्लांटेशन को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु कृषि वानिकी नीति लेकर आएगी। इस नीति के तहत टिंबर पंजीकरण, कटाई, परिवहन और बिक्री की प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा।
पहाड़ी किसानों के लिए नई योजना
पहाड़ी किसानों के लिए एक विशेष योजना लागू की जाएगी, जिसके लिए कृषि बजट में 22.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना 20 पवर्तीय जिलों के 63,000 किसानों को लाभान्वित करेगी जिससे मिलेट खेती, इनपुट वितरण, सब्जी उत्पादन, मशीनीकरण, मूल्य संवर्धन और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जाएगा।
तेल बीज एवं मिलेट मिशन
- तमिलनाडु तेल बीज मिशन: 108.06 करोड़ रुपये का बजट, 90 हजार किसानों को लाभ
- तमिलनाडु मिलेट मिशन: मिलेट की खेती और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 55.44 करोड़ रुपये
- पोषण कृषि मिशन: सब्जियां, फल, दालें और छोटे अनाज उत्पादन बढ़ाने के लिए 125 करोड़ रुपये
फसल बीमा योजना
सरकार फसल बीमा योजना के तहत 841 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गय है, जिससे 35 लाख एकड़ कृषि भूमि कवर होगी और किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाया जाएगा।
मक्का उत्पादन वृद्धि
मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 40.27 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया, जिससे 1.87 लाख एकड़ भूमि वाले 79,000 किसानों को लाभ होगा।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
तमिलनाडु के 37 जिलों में दो साल का राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन लागू किया जाएगा, जिसके लिए 12 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस योजना के तहत प्राकृतिक खेती के क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे, जिससे 7,500 किसानों को लाभ मिलेगा।
तमिलनाडु काजू बोर्ड
काजू आधारित उद्योगों और श्रमिकों के कल्याण के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से तमिलनाडु काजू बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए बढ़ी हुई सब्सिडी
SC/ST समुदाय के लघु और सीमांत किसानों के लिए सब्सिडी बढ़ाकर 60-70% कर दी गई है। इसके लिए सरकार ने 21 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे एकीकृत कृषि प्रणाली, पॉलीहाउस, सोलर ड्रायर और कृषि उपकरण जैसी योजनाएं शामिल की गई हैं।
कृषि अवसंरचना विकास
"कलैगनार ऑल विलेज इंटीग्रेटेड एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट प्रोग्राम" के तहत 269.50 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है जिससे 2,338 ग्राम पंचायतों में कृषि से जुड़े बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
बीज विकास के लिए 250 करोड़
राज्य में सात बीज प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिसमें 15.05 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। 7,000 मीट्रिक टन बीज खरीदे और वितरित किए जाएंगे। तमिलनाडु राज्य बीज विकास एजेंसी 39,500 मीट्रिक टन उच्च उपज वाले बीज वितरित करेगी, जिसके लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वैकल्पिक फसल खेती योजना
जलवायु परिवर्तन से निपटने और मृदा उर्वरता बढ़ाने के लिए मिलेट, दालें और तिलहन जैसी कम जल खपत वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए 12.50 करोड़ रुपये की लागत से एक लाख एकड़ भूमि कवर की जाएगी।
अन्य घोषणाएं:
- "मनुईर काथु मनुईर कापोम" योजना: मृदा संरक्षण और स्वास्थ्य सुधार के लिए 142 करोड़ रुपये
- सौर पंप सेट: 1,000 किसानों को 24 करोड़ रुपये की लागत से सौर पंप स्थापित करने पर 70% तक सब्सिडी
- मिनी डेयरी योजना: 5,000 दुग्ध उत्पादकों के लिए 4% ब्याज सब्सिडी