देश के प्रमुख जलाशयों में 23 फीसदी बढ़ा जल स्तर, रबी फसलों के लिए अच्छी संभावना

इस साल देश में मानसून की अच्छी बारिश हुई है, जिससे प्रमुख जलाशयों का जलस्तर बढ़ा है। 12 सितंबर तक देश के प्रमुख जलाशय अपनी कुल क्षमता के 85 फीसदी तक भरे हुए थे, जो पिछले साल की तुलना में 28.71 फीसदी अधिक है। इससे रबी सीजन में फसलों की सिंचाई में पानी की कमी नहीं होगी और कृषि कार्यों के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा

देश के प्रमुख जलाशयों में 23 फीसदी बढ़ा जल स्तर, रबी फसलों के लिए अच्छी संभावना

देश में इस साल मानसून की अच्छी बारिश हुई है, जिससे प्रमुख जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। मानसून की शुरुआत में देश के 150 प्रमुख जलाशयों का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले 21 फीसदी तक कम था, लेकिन मानसून के दूसरे हिस्से में हुई अधिक बारिश के चलते अब जल स्तर पिछले साल के मुकाबले 28.71 फीसदी तक बढ़ गया है। इससे रबी सीजन में फसलों के लिए अच्छी संभावना बन गई है। देश में कई हिस्सों में जलाशयों के पानी का इस्तेमाल खेती और सिंचाई जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते जलाशयों में जल अच्छे स्तर पर पहुंच गया है, जिससे आगामी रबी सीजन में फसलों की सिंचाई में पानी की कमी नहीं होगी और पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, 12 सितंबर तक देश के 150 प्रमुख जलाशयों में 153.757 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी दर्ज किया गया है, जो उनकी कुल क्षमता का 85 फीसदी है। पिछले साल इसी समय में जलाशयों में 119.451 बीसीएम पानी था, जबकि सामान्य तौर पर इनमें 130.594 बीसीएम पानी होता है। इस साल जल स्तर पिछले साल के मुकाबले 28.71 फीसदी और सामान्य जल संग्रह के मुकाबले 17.73 फीसदी तक बढ़ा है। 

देश के उत्तरी क्षेत्र में स्थित जलाशयों की कुल क्षमता का 68 फीसदी पानी भरा हुआ है। इसमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान राज्य शामिल हैं। सीडब्ल्यूसीकी निगरानी में यहां 11 जलाशय हैं जिनकी कुल क्षमता 19.836 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है। 12 सितंबर तक इन जलाशयों में 13.468 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 68 फीसदी है। पिछले साल इसी समय पर जलस्तर 81 फीसदी था और सामान्य स्तर 82 फीसदी था। इस साल का जलस्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से कम है।

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 50 जलाशय हैं जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 37.357 बीसीएम है। 12 सितंबर तक इन जलाशयों में 33.526 बीसीएम  पानी था, जो कुल क्षमता का 90 फीसदी है। पिछले साल इसी समय पर जलस्तर 75 फीसदी था और सामान्य स्तर 73 फीसदी था। इस साल का जलस्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से बेहतर है।

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 26 जलाशय हैं जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 48.227 बीसीएम है। 12 सितंबर 2024 तक इन जलाशयों में 42.808 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 89 फीसदी है। पिछले साल इसी समय पर जलस्तर 76 फीसदी था और सामान्य स्तर 77 फीसदी था। इस साल का जलस्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से बेहतर है।

दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 43 जलाशय हैं जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 54.634 बीसीएम है। 12 सितंबर तक इन जलाशयों में 48.158 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 88 फीसदी है। पिछले साल इसी समय पर जलस्तर 49 फीसदी था और सामान्य स्तर 65 फीसदी था। इस साल का जलस्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से बेहतर है।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!