भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के वाइस चांसलर बने प्रो. राकेश मोहन जोशी

प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी को भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) का नया वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। उन्होंने बुधवारसे अपना पदभार संभाल लिया है।

भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के वाइस चांसलर बने प्रो. राकेश मोहन जोशी
प्रो. राकेश मोहन जोशी

प्रतिष्ठित एकेमिशियन प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) के नए वाइस चांसलर नियुक्त किये गये हैं। उन्होंने बुधवार 5 जून से अपना पदभार संभाल लिया है। आईआईएफटी भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाला एक प्रमुख बिजनेस स्कूल है। आईआईएफटी में वरिष्ठ प्रोफेसर और पूर्व डीन प्रोफेसर जोशी भारतीय इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ प्लांटेशन, बेंगलुरू के डारयेक्टर के रूप में प्रतिनियुक्ति पर थे। आईआईएफटी से गोल्ड  मैडलिस्ट जोशी ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (बोस्टन), आईआईएफटी, राजस्थान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल से अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 

उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से कई किताबें भी लिखी हैं और आईआईएफटी की प्रतिष्ठित त्रैमासिक पत्रिका, फॉरेन ट्रेड रिव्यू (FTR) के संपादक भी रह चुके हैं। प्रो. जोशी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक अनुभव है और वह विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, अंकटाड, अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ, एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ) आदि जैसे कई बहुपक्षीय संगठनों से जुड़े रहे हैं। प्रो. जोशी 'विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के लिए विनियमन तैयार करने के लिए यूजीसी समिति' के अध्यक्ष और "उच्च शिक्षा संस्थानों में वैश्विक नागरिकता के लिए शैक्षिक ढांचे के विकास" 2021 के लिए विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 

वर्तमान में वह भारतीय मानक ब्यूरो और भारत सरकार की व्यावसायिक सेवा अनुभागीय समिति के अध्यक्ष हैं। वह अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) की प्रबंधन परिषद में भी हैं। प्रो. जोशी का भारतीय संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर शोध करने के लिए एक मजबूत झुकाव है और उन्होंने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा "समकालीन प्रबंधन में भगवद गीता के निहितार्थ" पर एक प्रमुख रिसर्च प्रोजेक्ट भी किया है। उनके द्वारा लिखी गईं केस स्टडीज को लंदन बिजनेस स्कूल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं। उन्हें भारतीय आर्थिक संघ द्वारा आर्थिक अनुसंधान और नीति में उनके आजीवन योगदान के लिए प्रतिष्ठित अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

वह देश के कुछ सबसे अधिक मांग वाले प्रबंधन प्रोफेसरों में से एक हैं, जो सम्मेलनों, कार्यशालाओं, टीवी चैनलों और कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों में विशेषज्ञ, लेखक और वक्ता के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं। आईआईएफटी में शामिल होने के तुरंत बाद, प्रो. जोशी ने आईआईएफटी को अत्याधुनिक अनुसंधान, प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और प्रबंधन पर केंद्रित एक विश्व स्तरीय बी-स्कूल में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वैश्विक महाशक्ति बनने की भारत की यात्रा में योगदान देगा।

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