धान की बुवाई का रकबा सामान्य से अधिक, लेकिन कपास का क्षेत्र नौ फीसदी से अधिक घटा

बेहतर मानसून के चलते इस साल धान की बुवाई का क्षेत्र सामान्य क्षेत्र से अधिक स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, महत्वपूर्ण नकदी फसल कपास के क्षेत्र में 9.23 फीसदी की गिरावट आई है

धान की बुवाई का रकबा सामान्य से अधिक, लेकिन कपास का क्षेत्र नौ फीसदी से अधिक घटा

देश में इस साल अच्छे मानसून के चलते धान की बुवाई पिछले पांच सालों के औसत सामान्य क्षेत्र से आगे बढ़ गई है। 30 अगस्त 2024, तक धान की बुवाई 408.72 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो औसत सामान्य क्षेत्र के 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है। धान की बुवाई पिछले साल की तुलना में 3.84 फीसदी बढ़ी है। पिछले साल इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी। इसी तरह, मोटे अनाज की बुवाई औसत सामान्य क्षेत्र के 180.86 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब तक 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है। तिलहन की बुवाई अब तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है, जो औसत सामान्य क्षेत्र के 190.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से आगे है। वहीं महत्वपूर्ण नकदी फसल कपास के क्षेत्र में 9 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

खरीफ बुवाई 1.91 फीसदी बढ़ी 

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार, 30 अगस्त 2024 तक खरीफ फसलों की बुवाई 1087.33 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो साल 2023 के इसी समय के 1066.89 लाख हेक्टेयर से 1.91 फीसदी अधिक है। हालांकि, यह बुवाई पिछले पांस सालों के औसत सामान्य क्षेत्र 1095.84 लाख हेक्टेयर से कम है।

दलहन का क्षेत्र 7.26 फीसदी बढ़ा

दलहन की बुवाई में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। इस साल दलहन की बुवाई का क्षेत्र 7.26 फीसदी बढ़कर 125.13 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल यह 116.66 लाख हेक्टेयर था। अरहर और मूंग की बुवाई में वृद्धि हुई है, जबकि उड़द की बुवाई पिछले साल से कम है। अब तक अरहर की बुवाई 45.78 लाख हेक्टेयर और मूंग की बुवाई 34.76 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि उड़द की बुवाई 29.62 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 31.42 लाख हेक्टेयर से कम है। दालों की बुवाई औसत सामान्य क्षेत्र 136.02 लाख हेक्टेयर से पीछे है।

बाजरा की बुवाई पिछले साल के कम

मोटे अनाज (श्रीअन्न) की बुवाई इस साल 3.68 फीसदी बढ़ी है। अब तक 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुवाई हुई है, पिछले इस समय तक यह क्षेत्र 181.06 लाख हेक्टेयर था। इसमें मक्का की बुवाई 87.27 लाख हेक्टेयर, ज्वार की 15.16 लाख हेक्टेयर, बाजरा की 69.55 लाख हेक्टेयर और रागी की 10.31 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। मोटे अनाज में सिर्फ बाजरा की बुवाई पिछड़ी है, जो पिछले साल से कम है। 

तिलहन की बुवाई में 0.95 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई है। इसमें मूंगफली की बुवाई 47.49 लाख हेक्टेयर, सोयाबीन की बुवाई 125.11 लाख हेक्टेयर, सूरजमुखी की बुवाई 0.71 लाख हेक्टेयर और तील की बुवाई 10.77 लाख हेक्टेयर में की गई है। 

कपास का क्षेत्र 9.23 फीसदी घटा

गन्ने की बुवाई में हल्की वृद्धि हुई है, जिससे कुल क्षेत्रफल 57.68 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं कपास की बुवाई में 9.23 फीसदी की गिरावट आई है। कपास का क्षेत्र पिछले साल के 123.11 लाख हेक्टेयर से घटकर अगस्त 2024 में 111.74 लाख हेक्टेयर रह गया है। जूट और मेस्टा की बुवाई भी 5.70 लाख हेक्टेयर तक सिमट गई है, जो पिछले साल की तुलना में कम है।

कुल मिलाकर इस साल खरीफ फसलों की बुवाई में धान, दलहन और मोटे अनाज में बढ़त के साथ अच्छी प्रगति हुई है, लेकिन कुछ फसलों में गिरावट भी दर्ज की गई है।

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