नाबार्ड की पहल: राजस्थान की महिला किसानों ने नासिक में ली कृषि प्रसंस्करण और निर्यात की जानकारी
नाबार्ड कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (AEFC) की तरफ से जोधपुर-नासिक कृषि निर्यात प्रोत्साहन पहल का आयोजन 6–9 अप्रैल 2025 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य राजस्थान की महिला किसानों एवं एफपीओ को वैश्विक कृषि व्यापार के लिए सशक्त बनाना है। इस चार दिवसीय अध्ययन यात्रा में पश्चिमी राजस्थान के 5 जिलों से 20 महिला एफपीओ प्रतिनिधियों, एग्रीप्रेन्योर्स एवं महिला जैविक किसानों ने भाग लिया।

नाबार्ड कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (AEFC) की तरफ से जोधपुर-नासिक कृषि निर्यात प्रोत्साहन पहल का आयोजन 6–9 अप्रैल 2025 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य राजस्थान की महिला किसानों एवं एफपीओ को वैश्विक कृषि व्यापार के लिए सशक्त बनाना है। इस चार दिवसीय अध्ययन यात्रा में पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, बालोतरा, फलोदी और पाली जिलों से 20 महिला एफपीओ प्रतिनिधियों, एग्रीप्रेन्योर्स एवं महिला जैविक किसानों ने भाग लिया। इस दौरान महिला किसानों एवं किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को कृषि प्रसंस्करण और निर्यात के बारे में व्यावहारिक ज्ञान देने के साथ वैश्विक कृषि बाज़ारों से जोड़ने तथा निर्यात के क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर सह्याद्रि एफपीओ के सफलता की कहानी इसके प्रबंध निदेशक विलास शिंदे ने दी। उन्होंने एपीडा द्वारा कृषि एवं खाद्य उत्पादों के निर्यात की प्रक्रिया और अवसरों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। सह्याद्री फार्म्स पर आधारित डॉक्युमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया। राजस्थान की महिला एफपीओ ने सैम एग्री की अनार प्रोसेसिंग यूनिट, निर्यात के लिए अनार दाना निकालने की तकनीक और अनार से बनने वाले अन्य उत्पादों तथा अनार और अंगूर किसानों से अनुभव साझा किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन नाबार्ड कृषि निर्यात सुविधा केंद्र, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), नासिक की सह्याद्रि किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड तथा जोधपुर के साउथ एशिया बायोटेक्नोलॉजी सेंटर (SABC) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। महिला एफपीओ प्रतिनिधिमंडल ने सह्याद्रि एफपीओ, सह्याद्रि टाटा स्ट्राइव स्किल डेवलपमेंट सेंटर, सैम एग्री, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (NHRDF), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा स्थापित कृषि उत्पादन संरक्षण केंद्र (KRUSHAK), ओम गायत्री नर्सरी, ओम गायत्री एग्री मॉल और सेवन स्टार फ्रूट्स प्राइवेट लिमिटेड का दौरा किया। इस दौरान राजस्थान की महिला किसानों को महाराष्ट्र के शेतकारी संघठन के अध्यक्ष ललित दादा बहाले और विलास तथोद से मिलने का मौका मिला।
तकनीकी सत्र के आयोजन में मुख्य अथिति सह्याद्रि एफपीओ के प्रबंध निदेशक विलास शिंदे, एपीडा के प्रशांत वाघमारे, नाबार्ड AEFC एवं SABC के डॉ. भागीरथ चौधरी, सुश्री सपना बोहरा, सुश्री श्रेया मिश्रा एवं केएस भारद्वाज और सह्याद्रि एफपीओ के प्रीतीश काले की उपस्थिति रही। प्रशिक्षण व संस्थागत भ्रमण के क्रम में महिला किसानो ने राष्ट्रीय बागवनी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (NHRDF) का दौरा किया, जहां प्याज की उन्नत किस्मों, बीज उत्पादन तकनीक, गुणवत्ता परीक्षण एवं भंडारण तकनीकों पर डॉ. सुजय पांडे, डॉ. आर.सी. गुप्ता, डॉ. श्रिवर्षा, डॉ. नितीश शर्मा एवं डॉ. अशोक टेलर ने व्याख्यान दिया।
महिला किसानों ने ओम गायत्री नर्सरी प्राइवेट लिमिटेड का भ्रमण किया, जहां सब्जियों और फलों के बीज अंकुरण कक्ष, बुवाई इकाई, 200 एकड़ का शेड नेट हाउस तथा अंगूर ग्राफ्टिंग यूनिट की जानकारी प्राप्त की। किसानों ने एक ही स्थान पर अच्छी क्वालिटी के उपलब्ध सभी कृषि इनपुट की सराहना की। भाभा अणु संशोधन केंद्र ने कृषि उत्पाद संरक्षण केंद्र में डॉ. दिलीप पोटे एवं हिंदुस्तान एग्रो टीम ने फूड इरैडिएशन केंद्र की पूरी तकनीकी जानकारी दी और कृषि निर्यात में इसके महत्व को समझाया।
आखिर में महिला प्रतिनिधियों ने सेवन स्टार फ्रूट्स प्रा. लि. की निर्यात करने वाली फल प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग यूनिट का दौरा किया, जिसमें ग्रेडिंग, सॉर्टिंग, लेबलिंग, प्री-कूलिंग, कोल्ड स्टोरेज, डिस्पैच यूनिट एवं क्वारंटाइन प्रयोगशाला का गहन अवलोकन किया गया। सेवन स्टार फ्रूट्स के मनोज पाटनी और उनकी टीम ने अंगूर और अनार के निर्यात के अवसरों और चुनौतियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चार दिवसीय इस विशेष कार्यक्रम के दौरान महिला किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने कृषि प्रसंस्करण, निर्यात, प्रमाणन, लॉजिस्टिक्स और मूल्यवर्धन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक एवं तकनीकी ज्ञान अर्जित किया। यह पहल राजस्थान की महिला किसानों के लिए न केवल एक ठोस प्रशिक्षण मंच साबित हुई, बल्कि अनुभव-आधारित शिक्षा, ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग को प्रोत्साहन देने वाली एक प्रेरणास्पद मिसाल बनकर उभरी।