दिल्ली में क्रेडिट सोसाइटियों की ऋण सीमा बढ़ी, अब दे पाएंगी 5 लाख तक का कर्ज

दिल्ली में क्रेडिट सोसाइटियों के ऋण सीमा में वृद्धि को मंजूरी दी गई है। सामान्य सदस्यों के लिए कर्ज सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये और वेतनभोगी सदस्यों के लिए 3 लाख से 5 लाख रुपये कर दी गई है। सहकार भारती से संबद्ध यूनाइटेड थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज फेडरेशन ऑफ दिल्ली लिमिटेड द्वारा लंबे समय से क्रेडिट सोसायटियों की कर्ज सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी।

दिल्ली में क्रेडिट सोसाइटियों की ऋण सीमा बढ़ी, अब दे पाएंगी 5 लाख तक का कर्ज

दिल्ली में क्रेडिट सोसाइटियों की ऋण सीमा बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। अब सामान्य सदस्यों के लिए ऋण सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये और वेतनभोगी सदस्यों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। 

सहकार भारती से जुड़े यूनाइटेड थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज फेडरेशन ऑफ दिल्ली लिमिटेड (यूटीसीएसएफ) के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। संगठन की ओर से काफी समय से क्रेडिट सोसायटियों की कर्ज सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी। कर्ज सीमा बढ़ाने से दिल्ली की सैकड़ों क्रेडिट सोसाइटियों और उनके सदस्यों को फायदा होगा, जो विभिन्न जरूरी खर्चों के लिए इन ऋणों पर निर्भर रहते हैं। पिछले दस सालों से ऋण सीमा में कोई वृद्धि नहीं हुई थी।

रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि क्रेडिट सोसाइटियों की ऋण सीमा में पिछले दस साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि इस दौरान मुद्रास्फीति और खर्चों में वृद्धि हुई है। ऐसे में सामान्य सदस्यों के लिए ऋण सीमा बढ़ाकर 4 लाख रुपये और वेतनभोगी सदस्यों के लिए बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। सामान्य बचत और ऋण समितियों में ऋण की सीमा सदस्यों के चुकता शेयरों के मूल्य का बीस गुना होगी, जबकि वेतनभोगी समितियों के लिए यह पच्चीस गुना तक बढ़ाई जा सकती है।

यूनाइटेड थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज फेडरेशन ऑफ दिल्ली लिमिटेड ने इस आदेश का स्वागत करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। सहकार भारती के वरिष्ठ अधिकारी और महासंघ के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने रूरल वॉयस को बताया कि यह कदम दिल्ली में सहकारी आंदोलन को मजबूत करेगा और महासंघ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गुप्ता ने कहा कि सहकार भारती और महासंघ भविष्य में भी सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे। उन्होंने तीन साल पहले अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान को भी सराहा। गुप्ता के अनुसार, महासंघ सरकार के मजबूत और सक्षम सहकारी क्षेत्र के दृष्टिकोण का समर्थन करता रहेगा।

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