कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का शुभारंभ, खेती की स्थिति पर रहेगी नजर
कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि क्षेत्र में जितने भी डिजिटल नवाचार किए जा रहे हैं, उन्हें एक स्थान पर बड़ी स्क्रीन पर एक साथ देख पाना संभव होगा।
किसानों को डिजिटल टेक्नालॉजी का उपयोग कर सूचना, सेवा एवं सुविधाओं से लैस करने के उद्देश्य से नई दिल्ली के कृषि भवन में स्थापित कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का शुभारंभ शुक्रवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार चाहती है कि गांव में रहने वाला एक आम किसान भी टेक्नालाजी के साथ अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकें। प्रधानमंत्री का हमेशा इस बात के लिए जोर रहता है कि किसानों के लिए हम बेहतर सूचना, सेवा और सुविधा को कैसे सुगम बनाएं, उनकी उत्पादन क्षमता कैसे बढ़ा सकें।
कृषि मंत्री ने बताया कि इस नई पहल का उद्देश्य किसानों को खेत में वास्तविकता की जानकारी उपलब्ध कराना है ताकि यह पता लगाया जा सकें कि हमारे कृषि क्षेत्र के समक्ष वास्तव में क्या चुनौतियां हैं। रियल टाइम डेटा व उसका विश्लेषण उपलब्ध होने से इसके आधार पर उनका निवारण किया जा सकेगा, जिससे अंततः कृषि क्षेत्र और देश को भी फायदा होगा। साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ भी पहुंच सकेगा। इसी क्रम में एग्री स्टैक, डिजिटल कृषि में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत, डिजिटल क्राप सर्वे की शुरुआत की गई है, जिसमें किसानों की फसल का सही ब्यौरा पता लगाया जा रहा है।
कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि क्षेत्र में जितने भी डिजिटल नवाचार किए जा रहे हैं, उन्हें एक स्थान पर बड़ी स्क्रीन पर एक साथ देख पाना संभव होगा। रिमोट सेंसिंग तकनीक द्वारा फसल सर्वेक्षण से प्राप्त सूचना, मृदा सर्वेक्षण से प्राप्त प्लाट स्तर का डेटा, मौसम विभाग द्वारा दी गई सूचनाएं, डिजिटल क्राप सर्वे से प्राप्त डेटा, कृषि मैपर पर उपलब्ध सूचनाएं, कृषि सांख्यिकी के लिए बनाए गए उपज (Upag) पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी को एक जगह देखकर विश्लेषण एवं उनके आधार पर सटीक निर्णय लेना संभव होगा, जो अत्यंत उपयोगी रहेगा।