आईसीएआर का बेयर से एमओयू, फसलों के संसाधन कुशल और जलवायु लचीला समाधान विकसित करने को हुआ करार
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और बेयर क्रॉप साइंस ने फसलों, किस्मों, फसल सुरक्षा, खरपतवार और मशीनीकरण के लिए संसाधन कुशल एवं जलवायु लचीला समाधान विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के तहत किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट और सलाहकार सेवाएं प्रदान करके कृषि स्थिरता कार्यक्रम प्रयासों पर एक साथ काम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और बेयर क्रॉप साइंस ने फसलों, किस्मों, फसल सुरक्षा, खरपतवार और मशीनीकरण के लिए संसाधन कुशल एवं जलवायु लचीला समाधान विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के तहत किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट और सलाहकार सेवाएं प्रदान करके कृषि स्थिरता कार्यक्रम प्रयासों पर एक साथ काम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बेयर के एक बयान में कहा गया है कि इस साझेदारी का उद्देश्य फसलों में संसाधन-कुशल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना, छोटे किसानों को कृषि संबंधी सलाह के साथ सशक्त बनाना और कार्बन क्रेडिट बाजार विकसित करना है। साथ ही संयुक्त रिसर्च के माध्यम से सटीक कृषि पद्धतियों को विकसित करना भी है। आईसीएआर के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञता का लाभ उठाकर व्यापक किसान आधार तक पहुंच को मजबूत करेंगे।
दोनों संस्थानों के बीच हुई यह साझेदारी धान की सीधी बुवाई (डीएसआर) जैसी कुशल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। साथ ही बेयर पहचान किए गए क्लस्टर में जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रमों, इनपुट उपलब्धता और मशीनीकरण समाधानों के माध्यम से केवीके कृषि-उद्यमियों की मदद करेगी।
आईसीएआर और बेयर छोटे किसानों को अधिक पैदावार प्राप्त करने, जल-कुशल प्रथाओं को अपनाने और बेहतर बाजार संबंधों के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर प्रदान करने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे।
डेयर सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने संसाधन-कुशल प्रौद्योगिकी विकास और प्रसार के लिए अनुसंधान और विस्तार में निजी भागीदारों के सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि केवीके पहचान किए गए मुख्य क्षेत्रों में विकसित विशिष्ट कार्य योजनाओं के साथ-साथ विभिन्न कृषि-पारिस्थितिकी में इन प्रौद्योगिकियों का आकलन और प्रचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बेयर क्रॉप साइंस बिजनेस के कंट्री डिविजनल हेड (भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका) साइमन थॉर्स्टन विबुश ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसानों की जरूरतों के मुताबिक भविष्य के लिए तैयार, डिजिटल रूप से सक्षम और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता के बारे में कहा कि यह साझेदारी आर्थिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए, खासकर चावल और बागवानी उत्पादों के सुधार का कृषि मॉडल विकसित करने पर केंद्रित है।
इस एमओयू पर आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. उधम सिंह गौतम और विबुश ने हस्ताक्षर किए। क्षमता निर्माण और विस्तार गतिविधियों पर आईसीएआर के बागवानी संस्थान और बेयर के बीच चल रहे सहयोग के परिणामों में सुरक्षित फसल सुरक्षा इनपुट और ड्रोन जैसे सटीक कृषि उपकरण शामिल हैं।