बासमती धान की कीमतों में उछाल, एमईपी हटते ही 23 फीसदी तक बढ़े दाम

एमईपी की पाबंदी हटते ही हरियाणा की मंडियों में बासमती धान की कीमतें 23.07 फीसदी तक बढ़ी हैं। हफ्ते भर पहले 2500-2600 रुपये प्रति क्विंटल में बिकने वाला बासमती धान अब 3000-3200 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है। कीमतों में इस उछाल से किसान राहत महसूस कर रहे हैं। किसान और बेहतर दाम की उम्मीद कर रहे हैं

बासमती धान की कीमतों में उछाल, एमईपी हटते ही 23 फीसदी तक बढ़े दाम

बासमती धान पर लगी न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के हटते ही हरियाणा की मंडियों में बासमती धान की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। पिछले पांच दिनों के अंदर धान की कीमतें 23.07 फीसदी तक बढ़ गई हैं। सरकार ने 16 सितंबर को बासमती के निर्यात पर एमईपी हटाने का फैसला लिया था। हरियाणा की मंडियों में जहां एक हफ्ते पहले तक बासमती धान की कीमतें 2500 से 2600 रुपये प्रति क्विंटल थीं, वहीं अब यह 3000 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी हैं। बासमती धान की कीमतों में आई इस तेजी ने किसानों को और बेहतर दाम मिलने की उम्मीद जगा दी है।  

हरियाणा की कैथल मंडी में मंगलवार को बासमती धान की 1509 किस्म 3200 रुपये प्रति क्विंटल में बिकी। कैथल मंडी के आढ़ती संदीप ने रूरल वॉयस बताया कि एमईपी की पाबंदी हटने के बाद बासमती धान की कीमतों में तेजी आई है। पिछले पांच दिनों में प्रति क्विंटल 300 से 350 रुपये का उछाल देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि कैथल मंडी में 1509 बासमती धान की आवक बढ़ गई है, जिसे फिलहाल 3000 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिल रहा है।

कीमतों में यह उछाल भले ही किसानों के लिए राहत की बात हो, लेकिन यह फिर भी पिछले साल की तुलना में कम हैं। संदीप ने बताया कि पिछले साल इसी समय बासमती धान का दाम 3200 से 3800 रुपये प्रति क्विंटल था। किसानों को उम्मीद है कि आगे कीमतों में और सुधार हो सकता है।

सरकार ने आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन (2024-25) के लिए सामान्य धान का एमएसपी 2300 रुपये और ग्रेड-ए धान का एमएसपी 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। एमईपी की पाबंदी के चलते व्यापारियों के लिए बासमती चावल का निर्यात करना मुश्किल हो रहा था, जिससे कीमतें काफी कम हो गईं थी। एक महीने पहले बासमती धान की कीमतें सामान्य धान की कीमतों से लगभग थोड़ा ही ऊपर थीं, जिससे किसान निराश थे। लेकिन अब कीमतों में उछाल से उनकी उम्मीदें बढ़ी हैं। बासमती चावल उत्पादन का अधिकांश हिस्सा निर्यात होता है और घरेलू बाजार में भी बासमती चावल की कीमतें सामान्य चावल से काफी अधिक रहती हैं।  

हरियाणा राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील जैन ने रूरल वॉयस बताया कि एमईपी हटते ही बासमती धान की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे कीमतों में उछाल देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते तक 2600 रुपये प्रति क्विंटल में बिकने वाला बासमती धान अब 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। रोजाना हरियाणा की मंडियों में लाखों बोरियां धान पहुंच रहा हैं, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक-दो हफ्तों में कीमतों में और तेजी देखी जा सकती है। बासमती धान की कीमतों में इस उछाल से किसानों में संतोष है, लेकिन वे अभी भी बेहतर कीमतों की उम्मीद कर रहे हैं।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!