थोक महंगाई घटकर 29 महीने के निचले स्तर पर आई, मार्च में रही 1.34 फीसदी
फरवरी 2023 के 3.85 फीसदी के मुकाबले मार्च में थोक महंगाई की दर 1.34 फीसदी रह गई जो जनवरी 2023 में 4.8 फीसदी थी। एक साल पहले मार्च 2022 में थोक महंगाई 14.62 फीसदी के उच्च स्तर पर थी।
थोक महंगाई की दर मार्च में घटकर 29 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। यह लागातार दसवां महीना है जब थोक महंगाई में कमी दर्ज की गई है। फरवरी 2023 के 3.85 फीसदी के मुकाबले मार्च में थोक महंगाई की दर 1.34 फीसदी रह गई जो जनवरी 2023 में 4.8 फीसदी थी। एक साल पहले मार्च 2022 में थोक महंगाई 14.62 फीसदी के उच्च स्तर पर थी।
इससे पहले पिछले हफ्ते आए खुदरा महंगाई के आंकड़ों में भी कमी देखी गई थी। मार्च में खुदरा महंगाई घटकर छह फीसदी से नीचे आ गई और 5.66 फीसदी पर रही। महंगाई में लगातार कमी को देखते हुए अब इस बात की संभावना ज्यादा बढ़ गई है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जून में होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मार्च 2023 में थोक महंगाई में कमी खाद्य एवं गैर-खाद्य वस्तुओं, प्राथमिक उत्पादों, वस्त्रों, खनिजों, रबर, प्लास्टिक उत्पादों, कच्चे तेल व प्राकृतिक गैस और कागज व उससे बने उत्पादों के दामों में गिरावट के कारण आई है। थोक में खाद्य महंगाई फरवरी के 2.76 फीसदी के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ 2.32 फीसदी। प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई 3.28 फीसदी से घटकर 2.4 फीसदी और विनिर्मित वस्तुओं की 1.94 फीसदी से घटकर 0.77 फीसदी पर आ गई।
मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है जनवरी के थोक महंगाई के आंकड़ों में संशोधन किया गया है। पहले यह 4.73 फीसदी थी जो अब बढ़कर 4.8 फीसदी हो गई है। बयान के मुताबिक, गेहूं और दाल की महंगाई दर क्रमशः 9.16 फीसदी और 3.03 फीसदी रही, जबकि इस महीने सब्जियां 2.22 फीसदी सस्ती हुईं। तिलहन की महंगाई दर 15.05 फीसदी रही। ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई घटकर मार्च में 8.96 फीसदी रह गई जो फरवरी में 14.82 फीसदी थी।
हालांकि, इस दौरान दूध की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दूध की महंगाई दर फरवरी के 4.12 फीसदी से बढ़कर 8.48 फीसदी पर पहुंच गई है।