अप्रैल में वनस्पति तेलों का आयात 13 फ़ीसदी घटा, खाद्य तेलों का आयात भी सवा लाख टन कम हुआ
पिछले महीने खाद्य तेलों के आयात में करीब सवा लाख टन की गिरावट आई। यह 10,29,912 टन से घटकर 9,00,085 रह गया। इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले अखाद्य तेलों का आयात आधे से भी कम रह गया है। यह 23,435 टन से घटकर 11,761 टन पर आ गया
शायद कीमतों में बढ़ोतरी का असर है कि खाद्य और अखाद्य दोनों तरह के वनस्पति तेलों के आयात में पिछले महीने गिरावट आई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा है कि अप्रैल 2022 में 9,11,846 टन वनस्पति तेलों का आयात किया गया जबकि अप्रैल 2021 में 10,53,347 टन वनस्पति तेलों का आयात किया गया था।
पिछले महीने खाद्य तेलों के आयात में करीब सवा लाख टन की गिरावट आई। यह 10,29,912 टन से घटकर 9,00,085 रह गया। इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले अखाद्य तेलों का आयात आधे से भी कम रह गया है। यह 23,435 टन से घटकर 11,761 टन पर आ गया। तेल का मार्केटिंग वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है और इसके पहले 6 महीने यानी नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 के दौरान वनस्पति तेलों का आयात 4 फ़ीसदी बढ़कर 67.07 लाख टन हो गया।
बयान में एसोसिएशन ने कहा है कि इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर 28 अप्रैल 2022 से पाबंदी लगा दी है। इससे दुनिया भर के उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। भारत हर महीने इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड तथा अन्य देशों से 6 से 6.5 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता रहा है। इसमें से लगभग 33 लाख टन इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात होता है। बाकी थाईलैंड से आता है।
एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि इंडोनेशिया मई खत्म होने से पहले पाम ऑयल के निर्यात पर पाबंदी हटा लेगा। लेकिन अगर उसने पाबंदी जारी रखी तो हालात ज्यादा बिगड़ सकते हैं क्योंकि दूसरे स्रोतों से उतना तेल उपलब्ध नहीं है।