कृषि संबंधी एकीकृत डाटा के लिए पोर्टल लॉन्च, एक ही जगह मिलेंगी सभी विश्वसनीय सूचनाएं
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने कृषि सांख्यिकी आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल www.upag.gov.in का शुभारंभ किया। यह देश के कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली जटिल प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक अभूतपूर्व पहल है। यह प्लेटफॉर्म कृषि क्षेत्र में डाटा प्रबंधन को व्यस्थित और बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह अधिक कुशल एवं उत्तरदायी कृषि आधारित नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने कृषि सांख्यिकी आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल www.upag.gov.in का शुभारंभ किया। यह देश के कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली जटिल प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक अभूतपूर्व पहल है। यह प्लेटफॉर्म कृषि क्षेत्र में डाटा प्रबंधन को व्यस्थित और बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह अधिक कुशल एवं उत्तरदायी कृषि आधारित नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
प्रो. रमेश चंद ने इस तरह की पहल के लिए टीम की सराहना करते हुए इसे कृषि डाटा प्रबंधन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल लंबे समय से लंबित थी। इसमें एक "छोटे पौधे" से "विशालकाय वृक्ष" बनने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने लोगों से कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में अपनी मानसिकता में बदलाव लाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल वास्तविक समय, विश्वसनीय एवं मानकीकृत जानकारी के साथ हितधारकों को समर्थ बनाता है जिससे अधिक प्रतिक्रियाशील और कुशल कृषि नीतियों का मार्ग प्रशस्त होता है। डाटा की निष्पक्षता जितनी अधिक होगी, नीति निर्माण में गलत फैसलों की गुंजाइश उतनी ही कम होगी।
उन्होंने कहा कि शोध से पता चला है कि डाटा में 1 डॉलर के निवेश से 32 डॉलर का प्रभाव उत्पन्न होता है। उन्होंने सलाह दी कि पोर्टल को डाटा विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि कृषि सांख्यिकी आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल के इस्तेमाल से खोज लागत तथा परेशानी कम होगी। साथ ही उपयोगकर्ताओं को विश्वसनीय, विस्तृत एवं वस्तुनिष्ठ डेटा तक पहुंच सुनिश्चित होगी और उन्हें लाभ होगा।
एकीकृत पोर्टल से हल होने वाली प्रमुख चुनौतियां:
- मानकीकृत डाटा का अभाव: वर्तमान में कृषि डाटा अनेक स्रोतों में बिखरा हुआ है और अक्सर विभिन्न प्रारूपों एवं इकाइयों में पेश किया जाता है। एकीकृत पोर्टल का लक्ष्य इस डाटा को एक मानकीकृत प्रारूप में समेकित करना है, जिससे इसे उपयोगकर्ताओं के लिए आसानी से सुलभ और समझने योग्य बनया जा सकता है।
- सत्यापित डाटा की कमी: सटीक नीतिगत निर्णयों के लिए विश्वसनीय डाटा बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह पोर्टल यह सुनिश्चित करता है कि एगमार्कनेट जैसे स्रोतों से डाटा की समय-समय पर जांच और अद्यतन होता रहे जिससे नीति निर्माताओं को कृषि कीमतों पर सटीक जानकारी मिलती रहती है।
- बिखरा हुआ डाटा: किसी भी फसल के संबंध में व्यापक दृष्टिकोण बनाने के उद्देश्य से उत्पादन, व्यापार और कीमतों सहित कई बिंदुओं पर विचार करने की आवश्यकता होती है। कृषि सांख्यिकी आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल विभिन्न स्रोतों से डाटा एक साथ लेकर आता है, जो कृषि से जुड़ी हुई वस्तुओं का समग्र मूल्यांकन प्रदान करता है।
इस पोर्टल का उद्देश्य कृषि क्षेत्र की विविधता का उपयोग करना और विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में डाटा का इस्तेमाल करना है। इसका उद्देश्य कृषि संबंधी उत्पादों पर वास्तविक समय, मानकीकृत और सत्यापित डाटा उपलब्ध कराना तथा नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं एवं हितधारकों के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करना है।