सीमैप में दो दिवसीय किसान मेला शुरू, मिलेगी नई किस्मों व तकनीक की जानकारी

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सीमैप में दो दिवसीय किसान मेला शुरू, मिलेगी नई किस्मों व तकनीक की जानकारी

लखनऊ स्थित सीएसआईआर के केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) में आज से दो दिवसीय किसान मेला शुरू हो गया है। इस मेले में देश भर से हजारों किसान, महिलाएं और उद्यमी शामिल हो रहे हैं। इस दौरान औषधीय व सुगंधित पौधों की नई किस्में भी जारी की जाएंगी। 

संस्थान के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि किसान मेले में औषधीय व सुगंधित पौधों की उन्नत खेती को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक-उद्योग-कृषक संवाद का आयोजन किया जाएगा। साथ ही महत्वपूर्ण फसलों की पौध सामग्री व प्रकाशनों का विक्रय किया जाएगा। इस अवसर पर संस्थान के उत्पादों का प्रदर्शन तथा जिरेनियम व तुलसी की नई किस्मों का लोकार्पण भी किया जाएगा।

 डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि किसान मेले के जरिए वैज्ञानिकों, उद्यमियों और किसानों के बीच संवाद का अवसर मिलेगा। साथ ही खेती की उन्नत तकनीक व तौर-तरीकों की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान सीएसआईआर संस्थानों के द्वारा विकसित कृषि तकनीकी और सतत कृषि पद्धतियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। मेले में सीमैप कैलेंडर, ऑस-ज्ञान पत्रिका, वर्मी-कम्पोस्ट बुलेटिन आदि प्रकाशनों का विमोचन भी किया जाएगा। 

किसान मेले में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु जैसे विभिन्न राज्यों से लगभग चार हजार से पांच हजार किसानों और उद्यमियों के शामिल होने की संभावना है। मेले में शामिल होने के लिए पंजीकरण शुल्क 100 रुपये प्रति व्यक्ति है।

नई किस्में  
सिम-संगम: सुगंध पौधे जिरेनियम की किस्म सिम-संगम को किसान मेले में जारी किया गया। इसे खासतौर पर भारत के उत्तरी मैदानों के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म बरसात में फंगस संक्रमण के प्रति सहनशील है।

सिम-सरस्वती: यह तुलसी की बारहमासी और ज्यादा उपज देने वाली प्रजाति है जो ठंड के प्रति अधिक सहनशीलता है। 

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