लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2022 चुनावों देखते 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीफ विपणन सत्र में 70 लाख धान की खरीद का लक्ष्य रखा है। अगर यूपी सरकार अपने खरीद लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होती है, तो राज्य के धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरण (डीबीटी) में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलेगी।
इस खरीफ विपणन सीजन के लिए समान्य धान के लिए एमएसपी 1,940 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान के लिए 1,960 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यूपी सरकार के अनुसार, धान की फसल जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद है और राज्य ने सभी 75 जिलों में 4,000 खरीद केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
हाल ही में रबी विपणन सीजन में, यूपी सरकार की एजेंसियों ने चुनावों से पहले किसानों को अच्छे मूड में रखने के लिए लगभग 66 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। सत्तारूढ़ भाजपा सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के बीच और कृषि बिल के किसानों द्वारा विरोध और महामारी के बीच फिर से सत्ता हासिल करने के लिए चुनाव में उतरेगी।
धान खरीद के 4,000 खरीद केंद्रों में से 1,500 यूपी सहकारी संघ (पीसीएफ) और 1,100 केंद्र यूपी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद यूपी सहकारी संघ 600 केंद्र , यूपी उपभोक्ता सहकारी संघ 300 केंद्र, खाद्य भारतीय निगम 300 केंद्र और यूपी राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद 200 सरकारी खरीद केंद्र स्थापित करेगी। इन केंद्रों को लखनऊ स्थित रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (आरएसएसी) की मदद से जियो-टैग किया जाएगा।
किसानों को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति पोर्टल
www.fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) मशीनों के माध्यम से किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद धान की खरीद की जाएगी।
राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों में धान की खरीद 1 अक्टूबर, 2021 से 31 जनवरी, 2022 के बीच की जाएगी जबकि पूर्वी क्षेत्र में 1 नवंबर, 2021 से 28 फरवरी, 2022 तक धान की खरीद होगी।