मध्य प्रदेश में 13.68 लाख टन सोयाबीन खरीद का लक्ष्य, किसानों का पंजीकरण शुरू

मध्य प्रदेश में खरीफ सीजन 2024-25 के लिए 13.68 लाख टन सोयाबीन की खरीद की जाएगी। इसके लिए 1400 खरीद केंद्र स्थिपित किए जाएंगे। किसानों से 4892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जाएगी

मध्य प्रदेश में 13.68 लाख टन सोयाबीन खरीद का लक्ष्य,  किसानों का पंजीकरण शुरू

मध्य प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए सोयाबीन खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में 13.68 लाख टन सोयाबीन की खरीद की जाएगी। जिसके लिए किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है। सोयाबीन खरीद के लिए राज्य में 1400 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे। राज्य सरकार का कहना है कि सोयाबीन की आवक और खरीद की स्थिति को देखते हुए खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वहीं, अगर सोयाबीन की आवक लक्ष्य से ज्यादा होती है तो राज्य सरकार अपने स्तर पर सोयाबीन की खरीद करेगी। यह फैसला मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में केंद्र सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम के तहत पंजीकृत किसानों से सोयाबीन खरीद का निर्णय लिया गया। सोयाबीन की सरकारी खरीद के लिए 4892 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया गया है। मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ किसानों से सोयाबीन की खरीद करेगा जबकि स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन भंडारण की व्यवस्था देखेगा। सरकार का दावा है कि खरीद के तीन दिन में किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जाएगा। 

प्रदेश में 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीद शुरू होगी, जो 31 दिसंबर, 2024 तक चलेगी। इसके लिए किसानों को पहले पंजीकरण करना होगा, जिसकी शुरुआत आज (25 सितंबर) से हो गई है। किसान मध्य प्रदेश ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर 20 अक्टूबर तक अपना पंजीकरण करा सकते हैं। 

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में खरीफ सीजन 2023 में 52.47 लाख टन, खरीफ सीजन 2022 में 54.13 लाख टन, खरीफ सीजन 2021 में 52.29 लाख टन और खरीफ सीजन 2020 में 41.77 लाख टन उत्पादन हुआ था। प्रदेश में हर साल 50 लाख टन से अधिक सोयाबीन का उत्पादन होता है। इस हिसाब से देखें तो सरकारी खरीद उत्पादन की आधी भी नहीं है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम घटकर एमएसपी के नीचे आ गये हैं और पिछले लगभग एक महीने से राज्य के किसान सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने सोयाबीन की खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है। साथ ही कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। 

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