बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर शामली में किसानों का प्रदर्शन, रालोद पर भी साधा निशाना

शामली शुगर मिल पर वर्ष 2022-23 का करीब 188 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है। इस शुगर मिल को त्रिवेणी समूह ने खरीद लिया है जिसने 2023-24 का भुगतान तो कर दिया, लेकिन किसानों का वर्ष 2022- 2023 का भुगतान अटका हुआ है। इसी को लेकर पिछले आठ दिनों से मिल परिसर में धरना चल रहा है।  

बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर शामली में किसानों का प्रदर्शन, रालोद पर भी साधा निशाना

- शामली से आशीष कुमार

उत्तर प्रदेश के शामली स्थित अपर दोआब शुगर मिल पर किसान बकाया गन्ना भुगतान को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को गुस्साए किसान उपलों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर चीनी मिल परिसर पहुंचे और आत्मदाह की चेतावनी दे डाली। इससे मिल प्रबंधन और पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। किसानों ने बकाया भुगतान होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। गन्ना किसानों के आंदोलन को खाप चौधरियों ने भी समर्थन दिया है।

शामली शुगर मिल पर वर्ष 2022-23 का करीब 213 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया था जिसमें से 25 करोड़ रुपये की एक किस्त का भुगतान ही चीनी मिल ने किया है। पेराई सीजन 2023-24 सीजन का भुगतान अगस्त माह में ही पूरा हुआ था। इस शुगर मिल को त्रिवेणी समूह ने खरीद लिया है जिसने 2023-24 का भुगतान तो किया, लेकिन किसानों का वर्ष 2022-2023 का भुगतान अटका हुआ है। इसी को लेकर पिछले आठ दिनों से किसान मिल परिसर में धरना दे रहे हैं।

शुक्रवार को गठवाल खाप के थांबेदार (बहावड़ी) बाबा श्याम सिंह किसानों के धरने को समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और रालोद नेता जयंत चौधरी पर भी निशाना साधा। श्याम सिंह मलिक ने कहा कि जयंत चौधरी किसानों का बकाया भुगतान कराएं या फिर इस्तीफा देकर किसानों के साथ आएं। लोकदल खुद को किसानों की हितैषी पार्टी बताती है लेकिन आज उनके सत्ता में रहते हुए भी किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पा रहा है।

शामली विधान सभा सीट से लोक दल के विधायक प्रसन्न चौधरी को धरना स्थल पर दो दिन पहले किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। धरना दे रहे किसानों का कहना है कि प्रसन्न चौधरी ने 2 सितंबर से चल रहे धऱने में 16 सितंबर को बकाया गन्ना भुगतान करने पर सहमति बनी थी जिसके तहत चार किस्तों में 2022-23 सीजन का भुगतान किया जाना था। इस समझौते की पहली किस्त 25 करोड़  रुपये का ही भुगतान हुआ है। उसके बाद किसी भी किस्त का भुगतान नहीं हुआ है। अभी 2022-23 सीजन का 188 करोड़ रुपये का बकाया है। इस समझौते के समय स्थानीय शामली विधायक प्रसन्न चौधरी और कैराना सांसद इकरा हसन भी मौजूद थी।  

वहीं, मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने भुगतान को लेकर दो दिन का समय मांगा है। इस पर किसानों ने कहा कि वे दो दिन के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे। जब तक बकाया गन्ना भुगतान नहीं होता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। एडीएम संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अगले दो दिन में शामली मिल को संचालित करने वाले त्रिवेणी समूह से बात कर किसानों की मांगों को रखा जाएगा।

करीब एक महीना पहले भी बकाया भुगतान को लेकर मिल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किसानों की वार्ता हुई थी। समझौते के अनुसार किस्तों में किसानों को भुगतान होना था। जिसमें से एक ही किस्त किसानों के खाते में भेजी गई, लेकिन बाकी बचा भुगतान नहीं हुआ। इसी को लेकर किसान कई दिनों से शामली की शुगर मिल में प्रदर्शन कर रहे हैं। 

चीनी मिल परिसर में चल रहे धरने में विनय पंवार भैंसवाल, जयवीर मलिक, सोराम सिंह, सतेंद्र पप्पू, चरण सिंह, नारायण सिंह, कृष्णपाल, अनिल बिटटू, सुभाष आर्य, सोमपाल सिंह, लक्ष्मण सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

   

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