हिमाचल में भांग की खेती वैध करने की कवायद, राज्य सरकार जल्द लाएगी नीति

हिमाचल में भांग की खेती को वैध करने की कवायद शुरू हो गई है। शुक्रवार को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में इस पर एक रिपोर्ट पेश की गई जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार जल्द इस पर नीति लाएगी

हिमाचल में भांग की खेती वैध करने की कवायद, राज्य सरकार जल्द लाएगी नीति

हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को औषधीय और औद्योगिक (गैर-मादक) उद्देश्यों के लिए वैध करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर बनी कमेटी ने शुक्रवार, 6 सितंबर को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश की। सदन में इस रिपोर्ट की सिफारिशों को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। इस रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने के साथ-साथ इसके आर्थिक लाभों पर भी बात की गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस कदम से राज्य को पहले कुछ वर्षों में 400 से 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। 

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिमाचल में भांग की खेती को वैध बनाने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट को सदन में मंजूरी मिल गई है, जो यह दर्शाता है कि प्रदेश के लोग भांग की खेती के पक्ष में हैं। इसका उपयोग दवा इंडस्ट्री में किया जाएगा, इससे न केवल राज्य की आय में बढ़ोतरी होगी बल्कि किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल में भांग की खेती का रास्ता साफ हो गया है और सरकार जल्द ही इसके लिए नीति और एसओपी लाएगी, ताकि इस पर काम शुरू किया जा सके। 

रिपोर्ट के अनुसार, कमेटी ने राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा किया और जनप्रतिनिधियों से बातचीत कर उनके विचार जाने। इसके अलावा, भांग की खेती को लेकर अधिक जानकारी जुटाने के लिए कमेटी ने जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का दौरा भी किया। इन राज्यों के अनुभवों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और जलवायु भांग की खेती के लिए अनुकूल है। यह पौधा राज्य के कई जिलों में जंगली रूप से उगता है, जिसे नशीली दवाओं के प्रयोग के डर से नष्ट किया जा रहा है। सरकार इस अनछुई क्षमता का फायदा उठा सकती है और भांग की खेती को विनियमित कर किसानों को लाभ पहुंचा सकती है। भांग की खेती से औद्योगिक उत्पाद जैसे कपड़े, कागज, जैव ईंधन और स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के निर्माण के लिए नए उद्योगों को आकर्षित किया जा सकता है, जिससे राज्य की आय में वृद्धि होगी। प्रारंभिक वर्षों में इस पहल से 400 से 500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। भांग की खेती से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य से युवाओं का पलायन कम होगा।

भांग की खेती को लेकर की गईं सिफारिशें

  • एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 10 के तहत राज्य सरकार को दी गई शक्तियों के आधार पर, नियंत्रित वातावरण में औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती, उत्पादन, निर्माण, कब्जा, परिवहन, आयात, निर्यात और बिक्री की अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश एनडीपीएस नियम 1989 में संशोधन किया जाएगा। 
  • एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 14 के तहत, केवल फाइबर या बीज प्राप्त करने या बागवानी और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जा सकती है। 
  • खेती और उत्पादन की प्रक्रियाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं बनाई जाएंगी।
  • राज्य स्तर पर एक प्राधिकरण बनेगा जो गैर-मादक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को विनियमित करेगा, जैसे कि बीज बैंक की स्थापना, उपज की खरीद और औद्योगिक व फार्मा इकाइयों की स्थापना। 
  • कृषि/बागवानी विभाग, विशेषज्ञों और विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर बीज बैंक बनाए जा सकते हैं। 
  • सीएसके कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर और डॉ. वाई.एस. परमार विश्वविद्यालय, नौणी की मदद से अनुसंधान और विकास तकनीक विकसित की जा सकती  है। 
  • भूमि की जियो टैगिंग का काम राजस्व, आईटी और अन्य विभाग करेंगे। 
  • आय का कुछ हिस्सा अनुसंधान, जागरूकता और क्षमता निर्माण के लिए अलग रखा जाएगा। 
  • अतिरिक्त काम के लिए राज्य आबकारी और कराधान विभाग को विशेष कर्मचारी मिलेंगे। 


एचपी एनडीपीएस नियम में होगा संशोधन

रिपोर्ट के अनुसार, भांग की खेती को वैध बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) नियम, 1989 में संशोधन किया जाएगा। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 10 और 14 के तहत राज्य सरकार को भांग की खेती की अनुमति देने की शक्तियां प्राप्त हैं। राज्य सरकार औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को नियंत्रित और विनियमित करने के लिए यह संशोधन करेगी।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!