खुदरा महंगाई दर 9 महीने के उच्चतम स्तर 5.49 फीसदी पर, थोक महंगाई भी बढ़ी

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के कारण सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) यानी थोक महंगाई दर बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई जो अगस्त में 1.31 फीसदी और पिछले साल सितंबर में -0.07 फीसदी थी।

खुदरा महंगाई दर 9 महीने के उच्चतम स्तर 5.49 फीसदी पर, थोक महंगाई भी बढ़ी

सितंबर माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित सालाना मुद्रास्फीति यानी खुदरा महंगाई दर 9 महीने के उच्चतम स्तर 5.49 फीसदी तक पहुंच गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई दर अगस्त के 3.65 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.49 प्रतिशत हो गई। एक साल पहले सितंबर, 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.02 फीसदी थी। खुदरा और थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी से बैंकों की ब्याज दरों की कटौती की उम्मीदों का झटका लगा है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 9.24 फीसदी हो गई, जो अगस्त में 5.66 फीसदी और एक साल पहले सितंबर में 6.62 फीसदी थी। सालाना आधार पर सितंबर में सब्जियों की खुदरा महंगाई 35.99 फीसदी, दालों की महंगाई 9.81 फीसदी और फलों की महंगाई 7.65 फीसदी बढ़ी।

शहरों से ज्यादा गांव में महंगाई बढ़ी

सितंबर में खुदरा महंगाई दर ग्रामीण इलाकों में 5.87 फीसदी रही जबकि शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर 5.05 फीसदी थी। इस तरह खुदरा महंगाई की मार शहरों से ज्यादा ग्रामीण आबादी पर पड़ रही है।

थोक महंगाई दर बढ़कर 1.84 फीसदी

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के कारण सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) यानी थोक महंगाई दर बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई जो अगस्त में 1.31 फीसदी और पिछले साल सितंबर में -0.07 फीसदी थी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई सितंबर में बढ़कर 11.53 फीसदी हो गई जो अगस्त में 3.11 फीसदी थी।

सबसे ज्यादा सब्जियों पर महंगाई

सबसे ज्यादा थोक महंगाई सब्जियों पर बढ़ी। सब्जियों की थोक महंगाई दर सितंबर में 48.73 रही, जबकि अगस्त में यह (-)10.01 प्रतिशत थी। आलू और प्याज की थोक मुद्रास्फीति सितंबर में क्रमशः 78.13 प्रतिशत और 78.82 फीसदी के उच्च स्तर पर बनी रही। सितंबर में दालों की थोक महंगाई दर 12.99 फीसदी थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर में थोक महंगाई दर में मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के निर्माण, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद को झटका

खुदरा और थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी से बैंकों की ब्याज दरों की कटौती की उम्मीदों का झटका लगा है। आरबीआई खुदरा महंगाई दर को चार फीसदी के भीतर सीमित रखने को लेकर चलता है। मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखा जाता है। आरबीआई ने पिछले दिनों प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) को अपरिवर्तित रखा था।

 

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