धान की सरकारी खरीद तीन दिन में 12.21 लाख टन हुई, इस राज्य के किसानों को मिल रहा सबसे ज्यादा दाम
केंद्रीय और राज्य सरकारों की एजेंसियों ने पहली अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। कुछ राज्यों को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में अभी सरकारी खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पाई है, फिर भी चार दिनों में 12.21 लाख टन धान किसानों से खरीदा जा चुका है। खरीफ मार्किटिंग सीजन 2023-24 के लिए सामान्य किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2183 प्रति क्विंटल और ए ग्रेड वाले धान का एमएसपी 2203 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
केंद्रीय और राज्य सरकारों की एजेंसियों ने पहली अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। कुछ राज्यों को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में अभी सरकारी खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पाई है, फिर भी चार दिनों में 12.21 लाख टन धान किसानों से खरीदा जा चुका है। खरीफ मार्किटिंग सीजन 2023-24 के लिए सामान्य किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2183 प्रति क्विंटल और ए ग्रेड वाले धान का एमएसपी 2203 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में बताया है कि खरीफ मार्केटिंग सीजन 2023-24 की शुरुआत हाल ही में हुई है और 3 अक्टूबर तक तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा में 12.21 लाख टन धान की खरीद की गई है। इससे 99,675 किसानों को 2689.77 करोड़ रुपये के एमएसपी का लाभ हुआ है। खरीफ मार्केटिंग सीजन की शुरुआत 1 अक्टूबर से हुई है।
धान का एमएसपी केंद्र सरकार की ओर से तय किया जाता है और राज्य सरकारें चाहें तो एमएसपी के ऊपर प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा कर सकती हैं। चुनावी साल होने के बावजूद छत्तीसगढ़ को छोड़कर किसी भी राज्य ने अलग से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा नहीं की है। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने 600 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ में किसानों को सामान्य किस्म के धान के लिए 2783 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए के धान के लिए 2803 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा रहा है।
केंद्र सरकार चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन में 521.27 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले सीजन में वास्तविक खरीद 496 लाख टन रही थी। चालू खरीफ सीजन में 411.96 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई है जो पिछले सीजन से काफी अधिक है। इसे देखते हुए इस साल धान की बंपर पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।