वायर्ड फॉर सक्सेसः घाटे वाली बिजली वितरण कंपनियों को मुनाफे में लाने की कहानी

यह पुस्तक रणनीतिक प्रबंधन और उत्कृष्ट परिचालन का जीवंत उदाहरण है। लेखक ने दोनों डिस्कॉम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का पद संभालने पर आने वाली चुनौतियों का इसमें वर्णन किया है। इन चुनौतियों में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी और तकनीकी नुकसान से लेकर प्रशासनिक अड़चनें और दिवालिया होने के कगार तक पहुंचने की स्थिति शामिल हैं।

वायर्ड फॉर सक्सेसः घाटे वाली बिजली वितरण कंपनियों को मुनाफे में लाने की कहानी
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर (सबसे बाएं) की पुस्तक “वायर्ड फॉर सक्सेस” का अनावरण केन्‍द्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल (बाएं से दूसरे) ने दिल्ली में 17 जुलाई 2024 को आयोजित एक कार्यक्रम में किया। इस मौके पर दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस डी.के. शर्मा और प्रकाशक विस्डम ट्री के एमडी शोभित आर्य भी उपस्थित थे।

हरियाणा के मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर (आईपीएस) की पुस्तक "वायर्ड फॉर सक्सेस" बेहतरीन नेतृत्व और अभिनव तरीके से समस्या के समाधान का वृत्तांत है। हरियाणा की दो बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) लगातार घाटे में थीं, जब तक प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारी कपूर ने उन कंपनियों का कार्यभार नहीं संभाला। पुस्तक उस यात्रा पर प्रकाश डालती है, जिसके कारण दोनों डिस्कॉम घाटे से मुनाफे में आईं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की जटिलताओं और अंतर्निहित अक्षमताओं को देखते हुए लेखक की यह उपलब्धि निश्चित ही बड़ी है।

यह पुस्तक रणनीतिक प्रबंधन और उत्कृष्ट परिचालन का जीवंत उदाहरण है। लेखक ने दोनों डिस्कॉम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का पद संभालने पर आने वाली चुनौतियों का इसमें वर्णन किया है। इन चुनौतियों में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी और तकनीकी नुकसान से लेकर प्रशासनिक अड़चनें और दिवालिया होने के कगार तक पहुंचने की स्थिति शामिल हैं। पुस्तक की खास बात इन मुद्दों के निदान के लिए अपनाए गए दृष्टिकोण और खास समाधान हैं, जिनमें तकनीकी इनोवेशन को मानव संसाधन के श्रेष्ठ उपयोग से जोड़ा गया है।

"वायर्ड फॉर सक्सेस" के मूल में समस्या के समाधान के समग्र दृष्टिकोण को अपनाना है। लेखक ने इसमें डेटा-आधारित निर्णय लेने, मजबूत मॉनिटरिंग प्रणाली के कार्यान्वयन और कर्मचारियों की प्रेरणा के साथ ग्राहकों के जुड़ाव की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया है। इन तत्वों पर सिर्फ सैद्धांतिक चर्चा नहीं की गई है, बल्कि वास्तविक जीवन के उदाहरणों और परिणामों से उन्हें प्रभावशाली बनाया गया है।

सीएमडी के रूप में उनके कार्यकाल में न केवल डिस्कॉम घाटे से लाभ में आ गए, बल्कि पूरे राज्य में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ, जिससे उद्योग, किसानों और आवासीय उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित हुई। इससे राज्य की प्रतिष्ठा निवेश के गंतव्य के रूप में भी बढ़ी।

पुस्तक का सबसे खास पहलू इसकी सहजता है। तकनीकी विवरणों और प्रबंधन रणनीतियों की बारीकियों के बावजूद, लेखन स्पष्ट और आकर्षक है। जटिल तथ्यों को भी सहज तरीके से प्रस्तुत किया गया है। केस स्टडी के उदाहरण विशद पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं और यह सुनिश्चित करते है कि पाठक को सूचना मिलने के साथ वह प्रेरित भी हो।

"वायर्ड फॉर सक्सेस" सरकार, लोक प्रशासन और निजी क्षेत्र के महत्वाकांक्षी व्यक्तियों के लिए बहुत काम की चीज है। यह दूरदर्शी नेतृत्व की क्षमता और अनुशासित तरीके से कार्य करने का प्रमाण है। दो संकटग्रस्त डिस्कॉम को लाभ में लाने की लेखक की क्षमता अन्य क्षेत्रों में समान चुनौतियों से निपटने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण रखती है। 

पुस्तक का विस्तार परिचालन रणनीति से परे शासन और सार्वजनिक सेवा के व्यापक विषयों तक फैला हुआ है। यह नेतृत्व की भूमिकाओं में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व को रेखांकित करता है। व्यक्तिगत मतों और नैतिक विचारों को साझा करके लेखक एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। कुल मिलाकर, "वायर्ड फॉर सक्सेस" सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंधन और नेतृत्व को समझने की दिशा में एक बेहतरीन प्रयास है। 

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