बजट 2025-26: धन धान्य योजना, केसीसी ऋण सीमा बढ़ाने का स्वागत, इंडस्ट्री ने कहा इससे आत्मनिर्भरता में मदद मिलेगी
खाद्य तेल मिशन का स्वागत करते हुए इंडस्ट्री लीडर्स ने किसानों को NAFED और NCCF जैसी एजेंसियों के साथ खरीद समझौते करने के कदम को बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से वित्तीय सहायता बढ़ाने से कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बाजरा उत्पादन, सतत कृषि और ड्रोन जैसी तकनीकी प्रगति पर बजट का जोर भारत की दीर्घकालिक कृषि रणनीति के अनुरूप है।
उद्योग जगत ने आम बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र के लिए घोषित कई प्रस्तावों की सराहना की है। इसका कहना है कि कम उत्पादकता वाले देश के 100 जिलों में 1.7 करोड़ किसानों के लिए धन धान्य कृषि योजना ग्रामीण समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य तेल मिशन का स्वागत करते हुए इंडस्ट्री लीडर्स ने किसानों को NAFED और NCCF जैसी एजेंसियों के साथ खरीद समझौते करने के कदम को बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से वित्तीय सहायता बढ़ाने से कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बाजरा उत्पादन, सतत कृषि और ड्रोन जैसी तकनीकी प्रगति पर बजट का जोर भारत की दीर्घकालिक कृषि रणनीति के अनुरूप है।
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के चेयरमैन एमेरिटस डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने एक बयान में कहा, “हम भारत को दुनिया का खाद्यान्न भंडार बनाने की सरकार की पहल की बहुत सराहना करते हैं। 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में 1.7 करोड़ किसानों के लिए धन धान्य कृषि योजना ग्रामीण समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खाद्य तेल मिशन, किसानों को NAFED और NCCF जैसी एजेंसियों के साथ खरीद समझौते करने में सक्षम बनाता है, मूल्य सुरक्षा प्रदान करेगा, घरेलू तेल के बीजों का उत्पादन को बढ़ाएगा और भारत की निर्यात शक्ति को बढ़ाएगा। बढ़ती खपत से मेल खाने के लिए सब्जी उत्पादन बढ़ाने का सरकार का कदम भी सराहनीय है।
उन्होंने कहा, यह बजट किसानों की भावना को बढ़ावा देने वाले मेक इन इंडिया कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन, उत्पादन के बाद भंडारण की सुविधा, 7.7 करोड़ किसानों के लिए केसीसी ऋण ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करना और बिहार में मखाना बोर्ड का निर्माण सराहनीय पहल हैं, ये कृषि उत्पादकता में सुधार और किसानों को समर्थन देने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। साथ ही, दालों में 'आत्मनिर्भरता' के लिए 6 वर्षीय मिशन की घोषणा, जिसमें तूर, उड़द और मसूर के लिए खरीद समझौते शामिल हैं, कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस्मा (ISMA) ने बजट को कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद बताया। एसोसिएशन के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से वित्तीय सहायता बढ़ाने और ऋण सीमा बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इससे कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की भी सराहना की। इस्मा ने ने धन-धान्य कृषि योजना का भी समर्थन किया, जो कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि सुधार के साथ-साथ किसानों को उचित लाभ सुनिश्चित करने के लिए है।
सॉल्यूबल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री एसोसिएशन के सलाहकार डॉ. सुहास बुद्धे ने बजट में MSME और कृषि-इनपुट क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने क्रेडिट गारंटी के विस्तार और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के सरकार के फैसले को सराहा, और कहा कि इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा तथा आयात पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा, बाजरा उत्पादन, सतत कृषि और ड्रोन जैसी तकनीकी प्रगति पर बजट का जोर भारत की दीर्घकालिक कृषि रणनीति के अनुरूप है।
हालांकि डॉ. बुद्धे ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों का भी जिक्र किया, विशेष रूप से उन्नत कृषि इनपुट के आयात के विकल्प के उपायों की कमी और MSME कृषि-इनपुट निर्माताओं के लिए GST रिफंड में असमानता। उन्होंने बताया कि 13% जीएसटी का अंतर कार्यशील पूंजी को प्रभावित कर रहा है, जिससे निर्माताओं को कर दायित्वों को पूरा करने के लिए ऋण लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने चाइनीज आयात के खिलाफ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक जीएसटी रिफंड तंत्र की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने कृषि स्कूलों के लिए विशेष बजटीय प्रावधानों की जरूरत बताई जो किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक का प्रशिक्षण देने में मदद कर सकते हैं।
क्रॉपलाइफ इंडिया के चेयरमैन और क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अंकुर अग्रवाल ने बजट के उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से माइग्रेशन रोकने और महिलाओं व युवाओं को प्राथमिकता देने वाली योजनाओं को एक स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्तावों से ड्रोन और प्रिसीजन एग्रीकल्चर जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने में वृद्धि होगी।